उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग ज़िले में कुछ ऐसे बोर्ड लगाए गए हैं जिन पर रोहिंग्या मुसलमानों और ग़ैर हिन्दुओं के गांव में प्रतिबंध की बात लिखी है। सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए इन बोर्ड पर इस बात को एक ‘चेतावनी’ के रूप में लिखा गया है।
इस मामले पर मुस्लिम प्रतिनिधिमंडलों ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार से मुलाक़ात की और मामले के बारे में जानकारी दी है। वहीं स्थानीय पुलिस का कहना है कि उसे जहां ऐसे बोर्ड का पता चला है उसे हटा दिया गया है और इसमें शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे।
दरअसल रुद्रप्रयाग जिले के कई गांवों के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ लगाए हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में चोरी की घटनाओं को देखते हुए अपरिचितों और अनजान फेरी वालों को यहां आने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
फाटा गांव के एक निवासी ने बताया कि गांवों में मंदिरों और घरों में चोरी की घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद युवाओं ने करीब 20-25 दिन पहले इस तरह के बोर्ड लगाए थे।
ग्रामीणों के मुताबिक, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ सिरसी, रामपुर-न्यालसू आदि गांवों में लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले ‘साइन बोर्ड’ पर ‘गैर-हिंदू व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ लिखा गया था।
रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने कहा कि सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही पुलिस के संज्ञान में यह बात आई, हमने आवश्यक कार्रवाई करते हुए ऐसे ‘साइन बोर्ड’ हटवाए। अगर आगे भी ऐसी कोई बात सामने आई, तो हम कार्रवाई करेंगे। धार्मिक आधार वाले ‘साइन बोर्ड’ लगाने की इजाजत किसी को नहीं है।
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