उत्तराखंड : यह स्कूल सिखाता है ग़रीब का बच्चा मज़दूर कैसे बनेगा..VIDEO

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देहरादून (उत्तराखंड):
उत्तराखंड की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देहरादून के बंजारावाला स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई की जगह मजदूरी करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में मासूम बच्चों को सिर पर मिट्टी के तसले और हाथों में फावड़ा उठाए देखा जा सकता है। ये वही बच्चे हैं जिनके हाथों में आज किताबें और कॉपी-कलम होनी चाहिए थीं।

यह घटना देखकर लोगों में आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स लगातार सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सरकारी स्कूलों में बच्चों से मजदूरी क्यों करवाई जा रही है?


पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला

इससे पहले चमोली जिले के थराली ब्लॉक के गोठिंडा गांव से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक शिक्षक ने स्कूल के बच्चों से अपनी कार धुलवाई थी। उस समय भी शिक्षा विभाग ने कार्रवाई के आश्वासन दिए थे, लेकिन अब एक बार फिर वही तस्वीर दोहराई जा रही है।


वीडियो में नजर आ रहे बच्चे गरीब और वंचित तबके से आते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था वाकई इन बच्चों को समान अवसर दे रही है, या फिर उन्हें शिक्षा की जगह शोषण के रास्ते पर धकेला जा रहा है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। इसके बावजूद अगर बच्चे स्कूल में मजदूरी करते नजर आएं, तो यह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।

शिक्षिका निलंबित

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