उत्तराखंड : कांवड़ यात्रा शुरू, ग्राउंड जीरो पर पहुचे DGP अशोक कुमार ने लिया जायज़ा, ये कमांडो रखेंगे पैनी नज़र..
सावन महीने की शुरुआत गुरुवार से हो गई है. हर तरफ बम-बम भोले की गूंज है. वहीं कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हो चुकी है. सावन के पवित्र महीने में भगवान भोले को खुश करने के लिए कांवड़ियों की बम भोले की जयकार काशी से हरिद्वार तक सुनाई दे रही है. हरिद्वार में हजारों शिव भक्तों का जमावड़ा लगा है. लिहाजा इनकी सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. हरिद्वार में 400 CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है, 10 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. 11 पुलिस अधीक्षकों को यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली है. 38 डीएसपी मेला क्षेत्र की सुरक्षा में तैनात हैं. कांवड़ यात्रा 26 जुलाई तक चलेगी और इस दौरान हर तरफ बम भोले की गूंज सुनाई देगी।
अधिकारियों ने की समीक्षा बैठक
बुधवार शाम को DGP अशोक कुमार ने कांवड़ यात्रा-2022 में व्यवस्थाओं को लेकर ADG (Law & Order) वी0 मुरुगेशन, IG इंटेलिजेंस ए.पी. अंशुमान, DIG/SSP हरिद्वार डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत व अन्य अधिकारियों के साथ मेला क्षेत्र में बैरागी कैंप, सिंह द्वार, शंकराचार्य चौक, बस अड्डा, ज्वालापुर, नीलधारा पार्किंग, रोड़ी बेलवाला, हर की पैड़ी का भ्रमण/स्थलीय निरीक्षण किया।
इस बार कांवड़ मेला कोरोना काल के 2 साल के बाद पड़ रहा है और इस बार कई प्रदेशों से लगभग 4 करोड़ शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे. वहीं इस यात्रा को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने अपना अनुभव सभी अधिकारियों के साथ बांटा उसके बाद डीजीपी अशोक कुमार ने मां गंगा की आरती में भाग लिया.
डी जी पी उत्तराखंड अशोक कुमार ने क्या कहा?
डी जी पी उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा, ”हरिद्वार से लेकर के नीलकंठ तक पूरे कांवड़ मेला क्षेत्र में 10,000 पुलिस फोर्स लगाई गई है. पूरे मेला क्षेत्र को 18 सुपर जॉन 41 जॉन और 175 सेक्टर में बांटा गया है और पूरे मेले की हमने बहुत अच्छी तरह से व्यवस्था की है. केंद्र से भी हमारे पास सशस्त्र बलों की 6 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियां भी मिली हैं. कांवड़ मेले में डीजे पर प्रतिबंध रहेगा और हम पूरा नियंत्रित करने की कोशिश भी करेंगे और अपील भी कर रहे हैं की हरिद्वार क्षेत्र बहुत लिमिटेड है. हम लोगों की शांति के लिए गंगा जी की पवित्रता के लिए मर्यादा के लिए तेज वॉल्यूम में कुछ भी नहीं बजाएंगे. शिव भक्तों से हमारी अपील भी है हरिद्वार के 10 किलोमीटर क्षेत्र में डीजे ना बजाएं.”
लाठी डंडे, भाले व अन्य हथियार प्रतिबंधित
बैठक में हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। इसके तहत कांवड़ मेले में यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर पुलिस प्रबंध आदि की व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। यात्रा में लाठी डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने को भी कहा गया है। ताकि, सूचनाओं का आदान प्रदान समय से किया जा सके।
जारी किया गया है ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक
डी जी पी ने कहा, ”हमने कांवड़ियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का लिंक जारी किया है. उसमें लोग रजिस्ट्रेशन करेंगे तो उसमें लोगों की सुविधा है. हमें पता रहेगा अगर कोई घटना हो गई या कोई खो गया मिसिंग हो गया कहीं उसे ढूंढ रहे तो उनके रजिस्ट्रेशन से उनके परिवार वालों का मोबाइल नंबर हमें मिल जाएगा और उनको सूचना कर देंगे. उत्तराखंड पुलिस ने अपने पेज पर भी वेबसाइट का लिंक डाला हुआ है. उत्तराखंड से लगे बॉर्डर पर भी हमारी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी लगाया गया है. चप्पे-चप्पे पर हमारी नजर है हर जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं ड्रोन भी लगे हैं. अगर कोई हुड़दंग मचाने की कोशिश करेगा तो वह बचकर नहीं जा पाएगा.”
वहीं शिव भक्तों का कहना है कि वह मनोकामनाओं के लिए हरिद्वार से जल लेकर अपने शिवालय में आए हैं. सरकार और प्रशासन का दावा है कि इस बार के मेले में लगभग चार करोड़ से ज्यादा शिवभक्त हरिद्वार पहुंचेंगे जिस वजह से हरिद्वार एक पख़वाड़े तक शिव मय रहेगा.
कमांडो दस्ता तैनात
कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था में आतंकरोधी गुलदार दस्ता भी तैनात किया जाएगा। हरकी पैड़ी और आसपास के संवेदनशील स्थानों पर दस्ते के कमांडो की तैनाती होगी। उत्तराखंड पुलिस का यह दस्ता पिछले दिनों मानेसर स्थित एनसजी के ट्रेनिंग सेंटर में भी अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा चुका है। वहां इस दस्ते को आतंकरोधी प्रदर्शन में पहला स्थान मिला था।हरिद्वार का कांवड़ मेला सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील होता है।
बीते कुछ वर्षों से यहां आने वाले कांवड़ियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बार भी इनकी संख्या तीन करोड़ से अधिक रहने की संभावना है। ऐसे में पुलिस महकमा किसी भी प्रकार का खतरा मोल लेने के मूड में नहीं है। भीड़ नियंत्रण के लिए घुड़सवार दल को तैनात किया जाएगा। यातायात प्रबंधन के लिए डायवर्जन प्लान तैयार कर लिया गया है।वहीं, अक्सर हरिद्वार और इसके आसपास महत्वपूर्ण स्थानों पर आतंकी घटनाओं की धमकी भी मिलती रही है। इसी के मद्देनजर कांवड़ मेले में महत्वपूर्ण स्थानों पर एटीएस कमांडो यानी गुलदार दस्ते को तैनात किया जाएगा।
22 महिला कमांडो को दिया गया था प्रशिक्षण
उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है, जहां महिला कमांडो की फोर्स गठित की गई है। पिछले साल गुलदार दस्ते में शामिल 22 महिला पुलिसकर्मियों को कड़ा प्रशिक्षण दिया गया था। पुलिस लाइन में प्रदर्शन के दौरान इस दस्ते ने लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया था।
कांवड़ मेले में सुरक्षा की कोई चूक बरदाश्त नहीं होगी। पिछले दिनों सभी पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई थी। इस बार भी आतंकरोधी दस्ते के कमांडो तैनात होंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए घुड़सवार बल को भी तैनात किया जाएगा।
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