उत्तराखंड : नई टिहरी में जाखणीधार ब्लाक के यूनियन बैंक मदन नेगी में एक करोड़ 20 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कैशियर ने ग्राहकों के एफडी और खातों से रकम निकालकर गबन किया है। घोटाले की सच्चाई सामने आने के बाद बैंक का कैशियर दो दिन से लापता है।
मदन नेगी क्षेत्र के यूनियन बैंक में गबन की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण बैंक पहुंचे और अपने खातों की जांच की। कई गामीणों की एफडी से धनराशि गायब है और कई ग्रामीणों की एफडी पर कैशियर सोमेश डोभाल ने लोन भी ले रखा है।
सांदणा गांव निवासी दौलत सिंह रावत ने बताया कि उनके पिता धूम सिंह रावत के नाम पर 18 लाख रुपये की एफडी थी। इस एफडी पर ही कैशियर सोमेश डोभाल ने स्वयं 12 लाख रुपये का लोन ले रखा था। ग्रामीण पदम सिंह रावत की तीन लाख की एफडी में रुपये ही नहीं थे और ना ही उन्हें एफडी के कागज दिए गए। इसी तरह भूरी देवी की 16 लाख की एफडी, महावीर की 10 लाख की एफडी, गैणा न्यूली की चार लाख, बचन सिंह पंवार की तीन लाख और गणेश चमोली तीस लाख रुपये की एफडी की धनराशि भी गायब है। देर शाम तक बैंक में ग्रामीण डटे रहे।
सूचना मिलने पर जिला पंचायत सदस्य कफलोग बलवंत रावत भी बैंक पहुंचे और मैनेजर राहुल शर्मा से पूरे मामले की जानकारी ली। बलवंत रावत ने बताया कि लगभग 50 ग्रामीणों की एफडी से रकम गायब है और पहले दिन की जांच में एक करोड़ रुपये से ऊपर का गबन सामने आया है। अभी जांच आगे बढ़ेगी तो और धनराशि भी बढ़ सकती है। शुक्रवार को बैंक के उच्चाधिकारियों की टीम ने बैंक आकर जांच शुरू कर दी है। जिला पंचायत सदस्य बलवंत रावत ने बताया कि बैंक कैशियर सोमेश डोभाल दो दिन से लापता है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और सभी ग्रामीणों का पैसा जल्द वापस मिलना चाहिए।
मैनेजर और कैशियर को किया निलंबित
यूनियन बैंक क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के मुख्य प्रबंधक संजय उपाध्याय शुक्रवार को जांच के लिए मदन नेगी शाखा में पहुंचे। उन्होंने बताया कि बैंक में गबन की जानकारी मिलने के बाद मैनेजर राहुल शर्मा और कैशियर सोमेश डोभाल को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले में अभी तक एक करोड़ बीस लाख रुपये के गबन की जानकारी मिली है। अभी तक जांच में सामने आया है कि ग्राहकों की एफडी से कैशियर सोमेश डोभाल ने खुद ही लोन लिया है और कई बचत खातों से भी पैसा निकाला है। अभी जांच की जा रही है और जल्द ही इसमें कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
बैंक में नहीं की जाती थी पासबुक में एंट्री
ग्रामीणों का आरोप है कि बैंक में लंबे समय से पासबुक एंट्री नहीं की जाती थी। जब भी ग्रामीण पासबुक में एंट्री की बात कहते थे तो बैंक कर्मचारी मशीन के खराब होने का बहाना बनाते थे। जिसके बाद ग्रामीण बिना एंट्री के ही लौट जाते थे। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से बैंक में इस तरह की गड़बड़ी चल रही थी।
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