उत्तराखंड : बीते 22 सालों में नहीं सुलझा ये राज़,सामने आए लावारिस लाशों के चौंकाने वाले आंकड़े

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हजारों मृतक पिछले 22 सालों से अज्ञात शव के रूप में दर्ज हैं. यह लोग कौन हैं? इनकी मौत की वजह क्या है? यह बात कभी सामने ही नहीं आ पाई. पुलिस के लिए इन अज्ञात डेड बॉडीज का पता लगाना एक बड़ी चुनौती रहा है. उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से मिली कई लाशें तो ऐसे हालात में मिली जिसे देख पाना भी बेहद मुश्किल है. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें कई लाशें तो किसी के लिए भी पहचान पाना भी मुश्किल है. पुलिस भी इन लाशों के परिजनों के आने का इंतजार करती है. कानूनी प्रक्रिया के तहत एक समय सीमा पूरी होने के बाद ही उनका दाह संस्कार कर दिया जाता है.

राज्य स्थापना यानी 9 नवंबर 2000 के बाद से अब तक 4711 अज्ञात लाशें मिल चुकी हैं. रहस्य बनी इन लाशों के आंकड़े भी बेहद चौंकाने वाले हैं. यह आंकड़े जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (Zonal Integrated Police Network) ने देश के 7 राज्यों में अज्ञात शवों को लेकर जारी किए हैं. जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान के लिए यह आंकड़े जारी किए हैं.

उत्तराखंड 4711 शव ऐसे हैं जिसकी पुलिस पहचान नहीं कर पाई है. इन अज्ञात शवों को लेकर हालांकि केस दर्ज किया गया है. जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क ने पांच राज्यों औऱ दो केंद्र शासित प्रदेशों का आंकड़ा जारी किया है जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है. यह 9 नवंबर 2000 से नवंबर 2022 तक का आंकड़ा है.  उत्तराखंड के अलावा हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली का आंकड़ा जारी किया गया है. 

9 नवंबर 2000 से नवंबर 2022 तक हिमाचल में 40 उत्तर प्रदेश राज्य में 5864, चंडीगढ़ में 642, हरियाणा में 6669, पंजाब में 611, राजस्थान में 10672 और दिल्ली में 65079 अज्ञात शव बरामद हुए हैं. हालांकि उत्तराखंड की जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्र को देखें तो हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों से अज्ञात शवों के मिलने में ये संख्या बहुत ज्यादा है. उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ज्यादातर अज्ञात शव यहां इसी वजह से मिले हैं. बताया जा रहा है कि दूसरे राज्यों में आपराधिक वारदात को अंजाम देने के बाद भी लोग शव यहां फेंककर जाते हैं.

पूर्व आईजी ने शव मिलने की वजह बताई

इस मामले में उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईजी दीपक कुमार का मानना है कि यह सच है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से जुड़ी सीमा होने के चलते कई बार वहां के अपराधी अपने साक्ष्य छुपाने के लिए शवों को बॉर्डर के इस पार फेंक कर के चले जाते हैं. हालांकि दीपक कुमार का यह भी मानना है कि इतनी बड़ी तादाद में शवों का मिलना एक गंभीर बात है. जो अज्ञात शव मिले हैं उसकी जांच करनी चाहिए.  

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page