प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए। वरिष्ठता के आधार पर आईएफएस धनंजय मोहन को प्रभारी प्रमुख वन संरक्षक का चार्ज दिया गया है। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
प्रमुख वन संरक्षक के पद को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 25 अप्रैल 2024 को डीपीसी हुई। इसमें वन विभाग के कुछ अधिकारियों के नाम प्रमुख वन संरक्षक के पद के लिए भेजे गए हैं। इनमें धनंजय मोहन सबसे वरिष्ठ हैं।
जो भारतीय वन सेवा उत्तराखंड कैडर के 1988 बैच के हैं। जनवरी 2020 में उन्होंने देहरादून में भारतीय वन्य जीव संस्थान के निदेशक का पदभार संभाला था।
महकमे की कमान संभालने के बाद प्रमुख वन संरक्षक हॉफ के तौर पर धनंजय मोहन ने अपनी प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने मौजूदा समय में फॉरेस्ट फायर को सबसे बड़ी चुनौती बताया, साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम और कर्मचारियों की समस्याओं पर भी काम करने की बात कही।
डॉ० धनंजय मोहन (भा०व०से०), उत्तराखण्ड संवर्ग (बैच वर्ष-1988), प्रमुख वन संरक्षक को नियमित चयनोपरान्त प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), सर्वोच्च वेतनमान, (वेतन मैट्रिक्स के स्तर-17-रु0 2,25,000) श्रेणी में प्रोन्नति करते हुए कार्यभार ग्रहण किये जाने की तिथि से प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), उत्तराखण्ड, देहरादून के पद पर तैनात किये जाने की, श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
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