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उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी और देहरादून में शुक्रवार रात से शनिवार दोपहर तक हुई बारिश जानलेवा साबित हुई। तीनों जिलों में बादल फटने से नदी और बरसाती नाले उफान पर आ गए। मलबे की चपेट में आकर दंपती समेत पांच की मौत हो गई है। जबकि 12 लोग लापता हैं। 13 लोगों को चोटें भी आई हैं। देहरादून में रायपुर थानों को जोड़ने वाला एक मोटर पुल टूट गया है।
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शनिवार को देहरादून के मालदेवता में बादल फटने की घटना के बाद लापता दंपती ग्वाड़ सकलाना गांव निवासी राजेन्द्र राणा (36) व उनकी पत्नी अनिता राणा (30) के शव रविवार को बरामद कर लिए गए हैं। लापता लोगों की खोजबीन जारी है। वहीं कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी रविवार को प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे। बताते चलें कि शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों को स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेसीबी में सवार होकर आपदाग्रस्त क्षेत्रों को हाल भी जाना था।
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रायपुर ब्लाक के छमरोली में शुक्रवार को देर रात बादल फटने से बर्बादी का मंजर है। मालदेवता में एक रिजोर्ट के छह टेंट बह गए हैं। इस आपदा में प्रारंभिक नुकसान 1270.20 लाख रुपये आंका गया है। वहीं रविवार को प्रभावित गांवों में मलबे का अंबार फैला दिखा।
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सैलाब में बहे गृहस्थी के निशान बादलों के फटने से पैदा हुए जलप्रलय की दर्दनाक कहानी सुना रहे थे। वो बयां कर रहे थे कि प्रकृति ने किस तरह प्रचंड रूप दिखाकर इंसान को अपनी शक्ति का अहसास कराया।
शनिवार को मालदेवता के सरखेत में बादल फटने के बाद मकान से लेकर दुकानें बह गईं। इस दौरान बौठा गांव, सरखेत, पीपीसीएल व घंतू का सेरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने तबाही का मंजर बयां किया, उन्होंने बताया कि बांदल नदी व क्षेत्र के गदेरों ने शनिवार सुबह साढ़े चार बजे तक पूरे क्षेत्र में जबदस्त तबाही मचाई।
करीब पौने पांच बजे से वर्षा थमी और घर के चारों और मलबा और पत्थर गिरे हुए हैं। कुछ ग्रामीण आधी रात को हीअपना सब कुछ छोड़कर जान बचाने के लिए आसपास के जंगल और ऊंचाई वालो क्षेत्रों की तरफ भाग गए। रायपुर में बादल फटने से मालदेवता, तिमली, मानसिंहवाला, भैंसवाड़ा, सेरकी, छमरोली के 72 से अधिक परिवार बादल फटने से प्रभावित हुए हैं।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) झरना कमठान ने जिला आपदा परिचालन केंद्र (कंट्रोल रूम) से आपदा प्रबंधन की व्यवस्था का संचालन किया। इस दौरान उन्होंने आपदा की सूचनाओं को संकलित कर जरूरत के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों में गति लाने में सहयोग किया।
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