उत्तराखंड – शीतलहर के दृष्टिगत भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून द्वारा दिनांक 09 जनवरी 2024 को सायं 06:00 बजे जारी ओरेन्ज अलर्ट के अनुसार जनपद हरिद्वार अन्तर्गत दिनांक 10 जनवरी, 2024 व दिनांक 11 जनवरी, 2024 को सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा छाने की सम्भावना व्यक्त की गयी है।
वर्तमान शीकालीन आपदा के मध्येनजर विद्यालयों में जाने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत दिनांक 10 जनवरी, 2024 से 11 जनवरी 2024 तक जनपद हरिद्वार के समस्त ऑगनबाड़ी केन्द्र, शासकीय, अर्द्धशासकीय, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा-08 तक के छात्र-छात्राओं हेतु अवकाश द्योषित किया जाता है। इसके अतिरिक्त जिन विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के दृष्टिगत कक्षा 09 से कक्षा 12 तक अतिरिक्त कक्षाए संचालित की जा रही है, उनका समय प्रातः 09:00 बजें के बाद रखा जाये।
अतः भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के दृष्टिगत जनपद हरिद्वार अन्तर्गत दिनांक 10 जनवरी, 2024 से 11 जनवरी 2024 तक समस्त ऑगनबाड़ी केन्द्र, शासकीय, अर्द्धशासकीय, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजो विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा-08 तक के छात्र-छात्राओं हेतु अवकाश घोषित किया जाता है, तथा जिन व्द्यिालयों में बोर्ड परीक्षा के दृष्टिगत कक्षा-09 से कक्षा-12 तक अतिरिक्त कक्षाए संचालित की जा रही है, उनका समय प्रातः 09:00 बजे के बाद रखा जाये। उल्लंघन की स्थिति में सम्बन्धित के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओ के अन्तर्गत कार्यवाही. अम्ल में लायी जायेगी।
उत्तराखंड में बादलों का इंतजार घने कोहरे की चादर में लिप्त मैदानी इलाके
उत्तराखंड में लगातार मौसम शुष्क बना हुआ है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पाला वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रहा है। वहीं हरिद्वार, उधम सिंह नगर सहित आसपास के मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। बादलों के इंतजार खत्म नहीं हो रहे। लगातार बढ़ते तापमान ने पहाड़ की चिंता बढ़ा दी है। एक बार फिर अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास रह सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के विपरीत मंगलवार को प्रदेश में कहीं भी बारिश और बर्फबारी नहीं हुई।
देहरादून में दिन के समय चटख धूप खिली रही। इससे तापमान में वृद्धि हुई। हवाओं के कारण कंपकंपी बढ़ गई और मैदानी क्षेत्रों में देर शाम से कोहरा छा गया। ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक मौसम शुष्क बना हुआ है इसके चलते सूखे का संकट मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने जनवरी में बारिश और बर्फबारी की उम्मीद बेहद कम जाता है। लगातार कमजोर बने पश्चिमी विक्षोभ को इसका कारण माना जा रहा है।
ऐसे में खेती बागवानी के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वही फरवरी महीने से ही अधिक गर्मी होने की आशंका भी है। जिससे गर्मियों के जल्दी आने के साथ ही सूखे के हालात भी पनप रहे हैं। उत्तराखंड में पूरे शीतकाल में अब तक 70 फीसदी बारिश कम हुई है जबकि नवंबर महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर अब तक बारिश में 90 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निर्देशक विक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ लगातार कमजोर बना हुआ है और वर्षा बादल विकसित नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण अब तक उत्तराखंड में हिमपात का इंतजार है। पर्वतीय क्षेत्रों में पाला पड़ने से लोगों की परेशानी बढ़ रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रहा है। अगले कुछ दिनों तक बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे नमी कम रहने की आशंका है। तापमान में वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
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