UKSSSC पेपर लीक मामला : शुरुआती जांच में सामने आयी ये बात..

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हालिया स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। परीक्षा समाप्त होने के कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट्स ने न केवल आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़े किए, बल्कि सरकार की पारदर्शिता को लेकर भी गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दीं।

शुरुआती जांच के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून द्वारा गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने पूरे मामले की गहन पड़ताल शुरू कर दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में SSP और UKSSSC अध्यक्ष ने इस संवेदनशील मामले को लेकर कई अहम जानकारियाँ साझा कीं।

21 सितंबर को परीक्षा प्रात: 11:00 बजे शुरू हुई और दोपहर 01:00 बजे समाप्त हुई। इसी बीच दोपहर करीब 01:30 बजे सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए, जिसमें पेपर के प्रश्न स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र की तस्वीरें परीक्षा शुरू होने के बाद करीब 11:35 बजे सोशल मीडिया पर अपलोड की गई थीं।

SIT की पड़ताल में एक महिला सुमन का नाम सामने आया, जो वर्तमान में अमरौड़ा डिग्री कॉलेज, प्रतापनगर (टिहरी गढ़वाल)में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। सुमन ने बताया कि उन्हें यह प्रश्नपत्र खालिद मलिक नामक युवक द्वारा भेजा गया था, जो पहले CPWD में संविदा जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत था।

सुमन ने बताया कि वर्ष 2018 में, जब वह नगर निगम ऋषिकेश में टैक्स इंस्पेक्टर थीं, तब उनकी जान-पहचान खालिद मलिक से हुई थी। 21 सितंबर की परीक्षा के दिन, खालिद ने अपने मोबाइल से उन्हें प्रश्नपत्र के कुछ फोटो भेजे और यह कहते हुए उत्तर पूछे कि वह मीटिंग में व्यस्त हैं और उनकी बहन उनसे संपर्क करेगी। खालिद की कथित बहन ने बाद में उन्हीं सवालों के उत्तर मांगे।

सुमन ने उत्तर लिखकर फोटो के माध्यम से उन्हें भेज दिए, परंतु पूरे घटनाक्रम से असहज होकर उन्होंने पुलिस को सूचित करने का मन बनाया और एक प्रार्थना पत्र भी लिखा।

बॉबी पंवार की भूमिका पर सवाल

प्रेस वार्ता में यह भी खुलासा हुआ कि सुमन ने पूरी जानकारी बॉबी पंवार नामक व्यक्ति को दी थी। लेकिन बॉबी ने उन्हें पुलिस को जानकारी न देने की सलाह दी और उल्टा उनसे पेपर के स्क्रीनशॉट्स मांग लिए। इसके बाद, बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के, स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। इस हरकत को ‘परीक्षा प्रणाली को बदनाम करने की साजिश’ के रूप में देखा जा रहा है।

बॉबी पंवार सहित अन्य व्यक्तियों द्वारा वायरल की गई पोस्ट्स में सरकार और सिस्टम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी की गईं, जो अब जांच के दायरे में हैं।

उक्त मामले में थाना रायपुर में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभियुक्तों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें रवाना कर दी गई हैं।

पुलिस फिलहाल यह भी जांच कर रही है कि यह कृत्य सुनियोजित साजिश थी या फिर किसी एक परीक्षा केंद्र पर लापरवाही का नतीजा। अभी तक किसी संगठित पेपर लीक गैंग की संलिप्तता सामने नहीं आई है, लेकिन SIT की विस्तृत जांच जारी है।

SSP का बयान“प्रथम दृष्टया यह मामला परीक्षा समाप्ति के बाद पेपर के कुछ अंशों के प्रसार का है, ना कि परीक्षा से पूर्व लीक का। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें वायरल हुईं, वे परीक्षा शुरू होने के बाद की हैं। सभी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”

पुलिस की SIT टीम अब इस मामले की तह तक जाकर हर दोषी को कानून के दायरे में लाने की कोशिश में जुटी है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *