“ग्रिंडर ऐप” से फंसाकर लूटने वाले दो शातिर गिरफ्तार,नकली वर्दी में करते थे_ऐसा कांड..

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उत्तराखंड पुलिस ने एक अंतरराज्यीय लुटेरे गिरोह के दो शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो ग्रिंडर एक (Grindr) ऐप का इस्तेमाल कर समलैंगिक पुरुषों को अपने जाल में फंसाते थे और उनसे लूटपाट करते थे। यह गिरोह पुलिस की नकली वर्दी पहनकर अपने शिकार को डराता था और उनसे ब्लैकमेल कर पैसे और कीमती सामान लूटता था।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम सोनू उर्फ जोगिंदर सिंह और रविंद्र उर्फ मोनू हैं, जो उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रहने वाले हैं। यह जोड़ी ग्रिंडर ऐप के जरिए समलैंगिक पुरुषों से संपर्क करती थी और उन्हें सुनसान जगहों पर मिलने के लिए बुलाती थी। वहां उनके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उनकी तस्वीरें और वीडियो बना लेते थे। इसके बाद नकली पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें धमकाते और पैसे, ज्वैलरी या अन्य कीमती सामान की मांग करते थे।

14 फरवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) लोकेश्वर सिंह को इस गिरोह के कोटद्वार क्षेत्र में होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस टीम ने सघन चेकिंग शुरू की और 15 फरवरी को बी.ई.एल. रोड, कोटद्वार पर एक संदिग्ध कार को रोका। कार में मौजूद दोनों आरोपियों के पास से दो तमंचे, चार जिंदा कारतूस और एक पुलिस की वर्दी बरामद हुई।

पुलिस के मुताबिक, सोनू उर्फ जोगिंदर सिंह नकली पुलिस अधिकारी की वर्दी पहनकर अपने शिकार को डराता था, जबकि रविंद्र उर्फ मोनू ऐप के जरिए शिकार को फंसाने का काम करता था। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे अलग-अलग शहरों में जाकर ऐप के जरिए लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें फंसाकर लूटपाट करते थे।

इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कपटपूर्ण आशय से लोकसेवक की पोशाक पहनने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और अवैध रूप से शस्त्र रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। अदालत ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में पौड़ी जेल भेजने के आदेश दिए हैं।

यह गिरोह पहले भी कई संगीन मामलों में वांछित रह चुका है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश कर रही है। इस अहम गिरफ्तारी में कोतवाली कोटद्वार पुलिस और सीआईयू कोटद्वार की संयुक्त टीम ने शानदार और ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की है।

पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस शातिर गिरोह के पर्दाफाश और सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। अब यह देखना होगा कि कानून इन अपराधियों को कितनी सख्त सजा देता है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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