संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा से सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पास हो गया।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है. विधेयक में आरोपियों को 3 से 10 साल तक की सजा और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि विद्यार्थी या अभ्यर्थी इस कानून के दायरे में नहीं आते और ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि इसके माध्यम से उम्मीदवारों का उत्पीड़न होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून उन लोगों के विरुद्ध लाया गया है जो इस परीक्षा प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करते हैं.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विधेयक राजनीति से ऊपर है और देश के बेटे-बेटियों के भविष्य से जुड़ा है. उनके जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।
लोकसभा में मंगलवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी है। विधेयक का उद्देश्य नकल और पेपर लीक पर लगाम लगाना है। साथ ही यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, एनईईटी, जेईई और सीयूईटी सहित विभिन्न डोमेन में सार्वजनिक एग्जाम में चीटिंग की समस्या से निपटना है। इसे अब राज्यसभा में भेजा जाएगा।
आरोप में तीन से पांच साल जेल और जुर्माना हो सकता है
विधेयक में अधिकतम तीन से पांच साल की जेल और दस लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके प्रावधान मेधावी छात्रों और उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए हैं। विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को अस्वीकार करने के बाद विधेयक को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश करते हुए कहा, ‘सरकार संगठित अपराधों के मामले में उम्मीदवारों को बलिदान नहीं होने देगी।’ उन्होंने कहा कि छात्र और अभ्यर्थी इस विधेयक के दायरे में नहीं आते हैं। नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 के प्रावधान
दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख तक का जुर्माना। दूसरे परीक्षार्थी की जगह एग्जाम देने के दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख का जुर्माना। संस्थान से मिली भगत साबित होने पर संस्थान से परीक्षा का खर्च वसूला जाएगा। साथ ही एक करोड़ का जुर्माना और प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी। संस्थान के इंचार्ज के दोषी होने पर तीन से दस साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना देना पड़ेगा। अपराध में शामिल लोगों को पांच से दस साल की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना लगेगा।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]