अतिक्रमण को लेकर मेयर-विधायक आमने सामने, जानें क्या है तीन चरणों की प्लानिंग, रेलवे एक्शन तैयार?

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हल्द्वानी में अतिक्रमण को लेकर सियासत हुई तेज अतिक्रमण के नाम पर आजकल हल्द्वानी में अनावश्यक रूप से आम और खास हर किसी को परेशान किया जा रहा है। वो निंदनीय है ऐसा इल्ज़ाम विधायक सुमित ने निगम पर लगाया है अतिक्रमण रोकना नगर निगम का मुख्य कार्य होता है और इसके बाद भी अतिक्रमण होना नगर निगम की असफल कार्यप्रणाली का जीवंत उदाहरण है।


नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण को संरक्षण देकर पहले तो अतिक्रमण करवाया जाता है फिर किसी दवाब में आकर उक्त अतिक्रमण को हटाने के लिए तोड़फोड़ करके उन लोगो को बेरोजगार किया जाता है जिन लोगों से पहले अवैध रूप से रुपये लेकर अवैध निर्माण करवाया होता है।
नगर निगम द्वारा किसी भी व्यक्ति या परिवार के साथ इस प्रकार का कृत्य अमानवीय है। वहीं नगर निगम के मेयर डॉक्टर जोगेंद्र पाल ने कहा है कि हल्द्वानी के विधायक जिस तरह से बयान दे रहे हैं उनके खिलाफ भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस तरह से उन्होंने उनकी मां के द्वारा मंगल पड़ाव में मछली मीट वालों की दुकानों को बसाने का काम किया था जिसके बाद उसे वोट को लेकर वादा किया गया था सिर्फ वादे झूठे थे इन कांग्रेस के लोगों ने वोटों के लिए हल्द्वानी जनता को हमेशा गुमराह किया उनको बेतरतीब सड़कों के किनारे रोजगार करने के लिए प्रेरित किया , हल्द्वानी मेयर जोगेन्द्र रौतेला ने कहा अतिक्रमण से शहरवासियों को दिक्कत होती है तो प्रशासन द्वारा उनको चिन्हित करके हटाना भी ज़िम्मेदारी है, उन्होंने कहा फड़ ठेले वालों के लिए वैंडिंगजोंन का पुनः निर्धारण भी किया जा रहा है ताकि किसी को परेशानी ना हो, मेयर ने कहा कि उनको पता है परिवार को कैसे पालते है व्यवसायी, लेकिन इसका मतलब ये नही कि वहां स्थाई या पक्का निर्माण किया जाए जो किसी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा,विधायक सुमित के लगाए आरोपों के जवाब में मेयर रौतेला ने कहा जैसा वो बोल रहे है वैसा कोई खीज वगैरह नहीं है वो मुग़ालते में हैं मै पिछले 22 साल में कई चुनाव लड़ चुका हूं , जिसमे जीता भी हूँ । हार जीत लगी रहती है इसका कोई मतलब नहीं है, उन्होंने कहा कि विधायक ने दावा किया है कि अतिक्रमण उनके घर से शुरू करें तो ये जानकारी के लिए बता दूं, की एक PIL हाईकोर्ट में लगी है जो उनके द्वारा ठंडी सड़क पर दो पार्कों को अवैध रूप से फ्री होल्ड कराके बाधित किया है उसका जवाब हाईकोर्ट में पेश करें, उसके बाद पता चलेगा आप अतिक्रमणकारी हैं या नहीं हैं।

हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश ने दाखिल पीआईएल को लेकर कहा कि इस तरह के आरोपों को पहले भी लगाया जा चुका है और हम बिल्कुल पूरी तरीके से पाक साफ निकले हैं हमें कोई चिंता या डर नहीं, उन्होंने कहा हमारी एक-एक इंच जमीन लीगल है और फ्री होल्ड रजिस्टर्ड है सुमित ने मेयर रौतेला पर निशाना साधते हुए कहा खेलने के लिये खिलौना नहीं मिला तो गरीबों के घर की तोड़ फोड़ और तबाही पर उतारू हैं लेकिन उनके साथ मेरी सदभावना है रही बात कोर्ट में सुनवाई की तो वहां हमारे साथ चलें निश्चित रूप से इनको समय और पैसा बर्बाद करने की शक्ल में कोर्ट की फटकार सुननी पड़ेगी।

जानिये इन तीन चरणों की योजना

अतिक्रमण हटाने के तीन स्टेपस की प्लानिंग

अतिक्रमण को हटाने की प्लानिंग क्या है दरअसल अतिक्रमण 3अलग- अलग स्टेजेस यानी चरणों में हटाया जाने की प्लानिंग है पहला चरण बढ़ रहा ट्रैफिक का दबाव और सिकुड़ती सड़कें ,ये है पहला स्टेप जो कि सड़कों के किनारे लगे आड़े तिरछे फड़ जिनको ठेले की अनुमति दी गयी लेकिन पक्के जाल लगा कर स्थाई बनाने की कोशिश की गई जिसमें मंगल पड़ाव सब्जी मंडी, बरेली रोड, नैनीताल रोड फल मंडी, मछली बाज़ार का एरिया, नैनीताल रोड पर दोनों साइड का मार्किट और तिकुनिया चौराहे को भी अतिक्रमण मुक्त किया गया है जो अभी 11 अप्रेल को फिर से लाइन न0 1 से रेलवे बाज़ार फाटक तक अभियान चलाया जायेगा।

दूसरा स्टेप- अंदर खाने में सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी शहर में बेतहाशा बढ़ रहा ट्रैफिक का दबाव जिसको देखते हुए फ्लाईओवर बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है दूसरे स्टेप में यानी चरण में जिसमें फ्लाईओवर की तैयारी शुरू हो गई है बरेली रोड पर मानक के अनुसार रोड के मध्य से दोनों साइड में 15 -15 मीटर के चिन्हीकरण कर दिए गए हैं ये अतिक्रमण हटाने का दूसरा स्टेप जिसमे कई बड़ी इमारतें भी ज़द में आ सकती हैं।

तीसरा स्टेप – रेलवे और उत्तराखंड सरकार अतिक्रमण के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है-

तीसरा चरण है रेलवे अतिक्रमण हटाने का जिसका एक्शन प्लान रेलवे द्वारा जिला अधिकारी को 11 अप्रैल को सौंपा जाना है,दरअसल सालों से रह रहे लोग जिसमें गफूर बस्ती,आज़ाद नगर, लाइन न0 17 जैसे इलाके रेलवे के मुताबिक अतिक्रमण की ज़द में आते है जिला अधिकारी के मुताबिक लगभग 4500 घर इसमें आते है जिसमे सरकारी स्कूल और मदरसे , 20 के करीब धर्मिक स्थल जिसमें मंदिर और मस्जिद दोनों शामिल हैंरेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिक्रमण की जद में आए 4365 वादों की रेलवे प्राधिकरण में सुनवाई हुई। जिसमें 4356 वादों का निस्तारण हो चुका है। अतिक्रमणकारी कब्जे को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं दिखा पाए। अब रेलवे ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसमें बताया गया है कि इंदिरानगर व गफूरबस्ती में पांच सरकारी स्कूल व इंदिरानगर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं।

एक्शन प्लान तैयार

इज्जतनगर मंडल रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि अतिक्रमण हटाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। 11 अप्रैल को इसे डीएम नैनीताल को सौंप दिया जाएगा।

शिष्टमंडल ने कुमाऊं आयुक्त से की मुलाकात

शनिवार को बनभूलपुरा लाइन नंबर 17, किदवई नगर व आजाद नगर निवासियों का एक शिष्टमंडल वरिष्ठ नेता हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी के नेतृत्व में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत से कैंप कार्यालय हल्द्वानी में मिला।

इस दौरान शिष्टमंडल ने कुमाऊं आयुक्त को एक प्रार्थना पत्र सौपते पर हुए कहा कि उनके पूर्वज काफी वर्षों से उपरोक्त स्थान पर निवासरत है तथा उनके द्वारा कुछ भवनों को भारत सरकार से ऑक्शन में भी खरीदे गए हैं, इसके साथ ही कुछ भवनों की राज्य सरकार द्वारा भूमि (नजूल) की लीज प्रदान की गई है। जिसको रेलवे द्वारा गलत धारणा से कब्जा करने के लिए सीमा अंकित किया गया था। उन्होंने कहा कि उपरोक्त संबंधित वाद विवाद विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है, जिसकी सूचना रेलवे विभाग को भी है। जिसमें हमारे द्वारा अपना पक्ष न्यायालय में रखा गया, लेकिन बदनियति से उक्त सभी तथ्यों को छुपाकर रेलवे व शिकायतकर्ता न्यायालय को भ्रमित कर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित कर रहे हैं, विगत वर्षों पहले भी इसी प्रकार उक्त रेलवे की कार्यवाही से कई लोगों के जान माल का नुकसान भी हो चुका है। मुलाकात के पश्चात शिष्टमंडल में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से इस मामले में संज्ञान लेने की गुजारिश की है।

बस्ती को हटाने से पहले उन्हें बसाने का इंतजाम हो

इस दौरान ग़रीबों की गफूर बस्ती व ढोलक बस्ती को हटाने से पहले पुनर्वास किया जाए। हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने दीपक रावत को गफूर बस्ती के तमाम लोगो की पीड़ा बताई और रेलवे द्वारा गलत सीमांकन की शिकायत की जिन जगहों पे नजूल के पट्टे कस्टोडियन प्रॉपर्टी फ्री होल्ड प्रोपटी और सरकारी स्कूल और इंटर कॉलेज और हॉस्पिटल ट्यूब वेल व तमाम मन्दिर, मस्जिद व मज़ार के आगे भी अपने खंबे लगा दिए हैं। मतीन सिद्दीकी ने कुमाऊ कमिश्नर से अनुरोध किया के नगर निगम को आदेशित करे कि वो अपने सीमांकन करे और गफूर बस्ती ढोलक बस्ती को हटाने से पहले उन्हें बसने का इंतजाम किया जाए। कुमाऊ कमिश्नर से मिलने वालों में मुख्य रूप से जावेद सिद्धिकी, आदिल, सईद एडवोकेट, फैजान अंसारी एडवोकेट, हाजी अकील, अफरोज जहां, शानावाज, अख्तर हुसैन, रफीक अहमद, बबलू, अजीम, नसीर हुसैन, विक्की खान, नाजिम मिकरानी, रफ़ीक अहमद, नासिर हुसैन सहित कई लोग मौजूद थे।

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