CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की ऐतिहासिक घोषणा.. बजट में और क्या रहा खास..जमरानी परियोजना पर हुए संजीदा..

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज बजट पेश किया इसके साथ ही तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की है इनमें सबसे बड़ी घोषणा राज्य में तीसरी कमिश्नरी बनाने की है गैरसैण को तीसरा मंडल बनाया गया है जिसमें 2 जिले कुमाऊं और 2 जिले गढ़वाल से शामिल किए गए हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में की तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं-
1- गैरसैंण को बनाया राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी)। चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को किया शामिल।
2- भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में होगी टाउन प्लानर की की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू
3- नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने की 1–1 करोड़ धन राशि की घोषणा।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेंण में पहला बजट पेश करने के बाद राज्य को नई कमिश्नरी की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाने की घोषणा की। भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया करने के साथ ही मुख्मयंत्री ने नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए 1-1 करोड़ रुएए धनराशि की भी घोषणा की। सीएम ने कहा कि राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57,400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में स्वास्थ्य, ग्रामीण आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन और कृषि पर खास जोर दिया गया है। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद 114 करोड़ रुपये राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार होगा

इस बजट में विभिन्न माध्यमों से सरकार की कुल आय 57,024.22 लाख रुपये अनुमानित की गई है जिसमें राजस्व प्राप्तियां 44,151.24 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। कर से 20,195.43 करोड़ रुपये तथा करेत्तर राजस्व से 23,995.81 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजस्व व्यय 44,036.31 करोड रुपये जबकि पूंजीगत व्यय 13,364.01 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। राज्य सरकार के वेतन भत्तों के लिये 16,422.51 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है जबकि पेशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति के लाभों पर व्यय 6,400.19 करोड़ का व्यय अनुमानित है। ब्याज के भुगतान पर 60,052.19 करोड़ जबकि ऋण के भुगतान पर 4241.57 करोड़ प्रस्तावित है। हालांकि, बजट में राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है लेकिन राजकोषीय घाटा 8984 करोड़ तथा 2931.90 करोड़ के प्रारंभिक घाटे का आकलन किया गया है।

बजट में सर्वाधिक 29.58 फीसदी व्यय वेतन भत्तों और मजदूरी पर प्रस्तावित है। इसके बाद अन्य व्ययों पर 15.79 तथा लघु निर्माण कार्यो पर 15.01 और पेंशन आदि पर 13. 03 प्रतिशत खर्च किया जाना प्रस्तावित है। बजट में केन्द्र सरकार की सहायता अनुदान का हिस्सा 35.83 प्रतिशत है। बजट में कृषि कार्य एवं अनुसंधान के लिए 1,108 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 3,188 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट भाषण की शुरुआत मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखण्ड आंदोलन के शहीदों, देश की रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान करने वाले सैनिकों और कोविड-19 की रोकथाम में काम करने वाले विभिन्न वर्गो को नमन करते हुए की। उन्होंने कोरोना के आर्थिक प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित 2.40 लाख व्यक्तियों को 2000 रु. प्रति व्यक्ति की दर से एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई। होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट समेत व्यावसायिक उपभोक्ताओं को उस अवधि के लिए बिजली के बिलों में फिक्स्ड चार्ज में छूट दी गई।

हाल में चमोली जिले में आई आपदा के संबंध में मुख्यमंत्री रावत ने आपदा प्रबंधन टीम का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने त्वरित कार्यवाही करते हुए आपदा की विभीषिका को सीमित करने में मदद की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारे राज्य में बहुत से ऐसे कार्य हुए है जो पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे जिनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम आल वेदर सड़क परियोजना, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण परियोजना, जमरानी बहुदेश्यीय परियोजना, नमामि गंगे योजना आदि शामिल हैं।

किसानों पर करम, कृषि विकास योजना के लिए 87 करोड 56 लाख
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड 56 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 245 करोड़ रुपये रखे गए हैं। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रुपये व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रुपये की धनराशि बजट में प्रस्तावित की गई है। “मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना” के लिए सरकार ने बजट में व्यवस्था की है।

भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया करने के साथ ही मुख्मयंत्री ने नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए 1-1 करोड़ रुएए धनराशि की भी घोषणा की। सीएम ने कहा कि राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57,400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में स्वास्थ्य, ग्रामीण आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन और कृषि पर खास जोर दिया गया है। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद 114 करोड़ रुपये राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार होगा।

इस बजट में विभिन्न माध्यमों से सरकार की कुल आय 57,024.22 लाख रुपये अनुमानित की गई है जिसमें राजस्व प्राप्तियां 44,151.24 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। कर से 20,195.43 करोड़ रुपये तथा करेत्तर राजस्व से 23,995.81 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजस्व व्यय 44,036.31 करोड रुपये जबकि पूंजीगत व्यय 13,364.01 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। राज्य सरकार के वेतन भत्तों के लिये 16,422.51 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है जबकि पेशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति के लाभों पर व्यय 6,400.19 करोड़ का व्यय अनुमानित है। ब्याज के भुगतान पर 60,052.19 करोड़ जबकि ऋण के भुगतान पर 4241.57 करोड़ प्रस्तावित है। हालांकि, बजट में राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है लेकिन राजकोषीय घाटा 8984 करोड़ तथा 2931.90 करोड़ के प्रारंभिक घाटे का आकलन किया गया है।

बजट में सर्वाधिक 29.58 फीसदी व्यय वेतन भत्तों और मजदूरी पर प्रस्तावित है। इसके बाद अन्य व्ययों पर 15.79 तथा लघु निर्माण कार्यो पर 15.01 और पेंशन आदि पर 13. 03 प्रतिशत खर्च किया जाना प्रस्तावित है। बजट में केन्द्र सरकार की सहायता अनुदान का हिस्सा 35.83 प्रतिशत है। बजट में कृषि कार्य एवं अनुसंधान के लिए 1,108 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 3,188 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट भाषण की शुरुआत मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखण्ड आंदोलन के शहीदों, देश की रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान करने वाले सैनिकों और कोविड-19 की रोकथाम में काम करने वाले विभिन्न वर्गो को नमन करते हुए की। उन्होंने कोरोना के आर्थिक प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित 2.40 लाख व्यक्तियों को 2000 रु. प्रति व्यक्ति की दर से एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई। होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट समेत व्यावसायिक उपभोक्ताओं को उस अवधि के लिए बिजली के बिलों में फिक्स्ड चार्ज में छूट दी गई।

हाल में चमोली जिले में आई आपदा के संबंध में मुख्यमंत्री रावत ने आपदा प्रबंधन टीम का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने त्वरित कार्यवाही करते हुए आपदा की विभीषिका को सीमित करने में मदद की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारे राज्य में बहुत से ऐसे कार्य हुए है जो पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे जिनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम आल वेदर सड़क परियोजना, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण परियोजना, जमरानी बहुदेश्यीय परियोजना, नमामि गंगे योजना आदि शामिल हैं।

किसानों पर करम, कृषि विकास योजना के लिए 87 करोड 56 लाख
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड 56 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 245 करोड़ रुपये रखे गए हैं। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रुपये व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रुपये की धनराशि बजट में प्रस्तावित की गई है। “मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना” के लिए सरकार ने बजट में व्यवस्था की है।

जमरानी के लिए 240 करोड़

मुख्यमंत्री ने बताया कि जमरानी परियोजना के निर्माण के लिए 240 करोड़ और सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जल जीवन मिशन” (ग्रामीण) के लिए 667 करोड़ 76 लाख रुपये, पेरी अर्बन योजना के मद में 328 करोड़ रुपये और नाबार्ड के अन्तर्गत पेयजल विभाग पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उद्यान विभाग के अन्तर्गत फलों के प्रसंस्करण हेतु माननीय प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के संचालन हेतु 5 करोड़ 53 लाख का प्रावधान किया गया है।

पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 86 लाख
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कुल 681 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है, जिसके सापेक्ष 272 करोड़ 45 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्तर्गत 94 करोड़ 43 लाख का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 197 करोड़ 61 लाख का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान तथा राज्य सेक्टर के अन्तर्गत पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 86 लाख रु. का प्रावधान किया गया है। पंचायतीराज विभाग में प्रत्येक पंचायत में भवन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत ढांचा: सड़क, पुलों के लिए 1700 सौ करोड़
बजट में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के मार्गों का समुचित वार्षिक रख-रखाव किये जाने के साथ-साथ नवीनीकरण कार्य के लिए 385 करोड़ 27 लाख रु. का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों एवं पुलों के लिए नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़क निर्माण को 954 करोड़ 75 लाख व भूमि क्रय के लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

चिकित्सा शिक्षा: मेडिकल कालेजों को 300 करोड़
समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1154 करोड़ 62 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 153 करोड़ 7 लाख रुपये रखे गए हैं। हरिद्वार, पिथौरागढ़ एवं रुद्रपुर में तीन मेडिकल कालेजों के लिए 228 करोड़ 99 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य: चिकित्सा क्षेत्र को 33 सौ करोड़, पेंशन में 1152 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना संचालनार्थ के लिए 150 करोड़, विश्व बैंक की सहायता से चिन्हित जिला चिकित्सालयों को क्लस्टर पद्धति के अनुसार विकसित किए जाने को 200 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन हेतु 1152 करोड़ 88 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।

शिक्षा
शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कक्षा- 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क जूता एवं बैग उपलब्ध कराये जाने के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत भौतिक संसाधन तथा शैक्षिक सुधार हेतु एडीबी के माध्यम से 39 करोड़ 70 लाख रूपये का प्रावधान किया जा रहा है।

, गैरसेंण। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेंण में पहला बजट पेश करने के बाद राज्य को नई कमिश्नरी की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाने की घोषणा की। भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया करने के साथ ही मुख्मयंत्री ने नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए 1-1 करोड़ रुएए धनराशि की भी घोषणा की। सीएम ने कहा कि राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57,400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में स्वास्थ्य, ग्रामीण आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन और कृषि पर खास जोर दिया गया है। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद 114 करोड़ रुपये राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार होगा।

इस बजट में विभिन्न माध्यमों से सरकार की कुल आय 57,024.22 लाख रुपये अनुमानित की गई है जिसमें राजस्व प्राप्तियां 44,151.24 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। कर से 20,195.43 करोड़ रुपये तथा करेत्तर राजस्व से 23,995.81 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजस्व व्यय 44,036.31 करोड रुपये जबकि पूंजीगत व्यय 13,364.01 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। राज्य सरकार के वेतन भत्तों के लिये 16,422.51 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है जबकि पेशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति के लाभों पर व्यय 6,400.19 करोड़ का व्यय अनुमानित है। ब्याज के भुगतान पर 60,052.19 करोड़ जबकि ऋण के भुगतान पर 4241.57 करोड़ प्रस्तावित है। हालांकि, बजट में राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है लेकिन राजकोषीय घाटा 8984 करोड़ तथा 2931.90 करोड़ के प्रारंभिक घाटे का आकलन किया गया है।

बजट में सर्वाधिक 29.58 फीसदी व्यय वेतन भत्तों और मजदूरी पर प्रस्तावित है। इसके बाद अन्य व्ययों पर 15.79 तथा लघु निर्माण कार्यो पर 15.01 और पेंशन आदि पर 13. 03 प्रतिशत खर्च किया जाना प्रस्तावित है। बजट में केन्द्र सरकार की सहायता अनुदान का हिस्सा 35.83 प्रतिशत है। बजट में कृषि कार्य एवं अनुसंधान के लिए 1,108 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 3,188 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

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