उत्तराखंड : नैनीताल हाईकोर्ट ने खटीमा के ब्लॉक प्रमुख पद से हटाए गए रंजीत सिंह की याचिका पर निर्णय देते हुए उनको शासन की ओर से निलंबित करने का आदेश असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद ब्लॉक प्रमुख पद पर फिर से बहाली का रास्ता साफ हो गया है । न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। इससे पहले अदालत जिला पंचायत उत्तरकाशी के अध्यक्ष को हटाने के आदेश को भी निरस्त कर चुकी है।
ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने यू.एस.नगर के खटीमा ब्लॉक प्रमुख पद से हटाए गए रंजीत सिंह की याचिका पर अपना आदेश सुनाते हुए निलंबन के आदेश को रद्द(क्वाश) कर दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के आदेश के बाद ब्लॉक प्रमुख पद पर फिर से बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
ब्लाक प्रमुख रंजीत सिंह ने सरकार के निलंबन आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि उनके विरुद्ध लगाए आरोप निराधार हैं। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि ब्लॉक प्रमुख पर गंभीर आरोप लगे हैं। पंचायती राज अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत निलंबन की कार्रवाई की गयी है। कहा गया कि ब्लॉक प्रमुख ने वित्तीय अनियमितताएं की हैं, उन्होंने अपने पिता को भी विकास कार्य का ठेका दिया है। शासन ने खटीमा निवासी चंद्रशेखर मुंडिया की शिकायत पर पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों में कार्यवाही करते हुए पिछले वर्ष 10 अगस्त को ब्लॉक प्रमुख को निलंबित कर दिया था।
न्यायालय ने आज अपने आदेश में कहा है कि शिकायत के साथ शपथपत्र नहीं था। अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने बताया कि पूर्व में याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद एकलपीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज अपना निर्णय सुनाते हुए एकलपीठ ने सरकार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है। इसके बाद ब्लॉक प्रमुख कि फिलहाल दोबारा ताजपोशी तय हो गई है। इससे पहले भी न्यायालय जिला पंचायत चमोली के अध्यक्ष को हटाने के आदेश को भी निरस्त कर चुकी है।
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