सुप्रीम कोर्ट ने कहा दोबारा एग्जाम नहीं_NEET UG पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला

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नीट यूजी-2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने कहा है कि दोबारा नीट-यूजी परीक्षा नहीं होगी.इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, क्या कोर्ट का यह कहना उचित होगा कि पेपर लीक से जुड़ी कुछ सामग्री हजारीबाग और पटना से बाहर गई है, ऐसा मानते हुए आज हम परीक्षा रद्द कर दें. अगर हम दोबारा परीक्षा का आदेश देते हैं तो छात्रों को पता होना चाहिए कि उन्हें तैयारी शुरू करनी होगी और अगर हम नहीं करते हैं तो उन्हें यह भी जानना चाहिए।

NEET UG 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक मामले में ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि परीक्षा रद्द नहीं होगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को सुनकर ये साफ होता है कि परीक्षा की शुचिता (Sanctity) भंग ‘नहीं’ हुई है इसलिए दोबारा परीक्षा कराए जाने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले मामले में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा था कि परीक्षा की शुचिता का उल्लंघन साबित होने पर ही रीटेस्ट का आदेश दिया जाएगा।

मंगलवार, 23 जुलाई को CJI चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित किया है. इन बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैं।

1.इस बात में कोई संदेह नहीं है कि NEET UG 2024 परीक्षा लीक हुई है।

2.केस CBI को ट्रांसफर किया गया. कुल 6 केस दर्ज किए. अब तक की जांच के मुताबिक पटना और हजारीबाग के अलग-अलग एग्ज़ाम सेंटर्स पर कुल 155 छात्रों को पेपर लीक का फायदा मिला।

3.अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है या परीक्षा की शुचिता भंग हुई है. कोर्ट के रिकॉर्ड में आया अब तक का डेटा पेपर के सिस्टमेटिक लीक होने का संकेत नहीं देता है जिससे लगे कि परीक्षा की पवित्रता नष्ट हुई है।

4.कोर्ट यह स्पष्ट करता है कि अगर जांच में लीक का फायदा उठाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी का पता चलता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

5.कोर्ट इस तथ्य से अवगत है कि नए सिरे से NEET UG का निर्देश देने से परीक्षा में शामिल होने वाले 2O लाख छात्रों पर गंभीर असर होगा. जिनमें मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने की पूरी प्रकिया बिगड़ जाएगी.

दूसरा, पूरी मेडिकल एजुकेशन के कोर्सेज़ पर असर पड़ेगा. भविष्य में मेडिकल प्रोफेश्नल्स की उपलब्धता प्रभावित होगी. और समाज में हाशिए के छात्रों के लिए गंभीर नुकसान हो सकता है।

6.रीनीट या पूरी नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना उचित नहीं होगा।

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