सत्यापन अभियान के पहले दिन ये आंकड़ा पार, DGP अशोक कुमार ने दिए अहम निर्देश..
उत्तराखंड : मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर राज्यभर में शुरू हुए सघन सत्यापन अभियान में पहले दिन गुरुवार देर रात तक पुलिस ने 4094 लोगों का सत्यापन किया। जिसमें 201 लोग संदिग्ध पाए गए। जो बिना सत्यापन या गलत तरीके से रहे रहे थे। उनके खिलाफ पुलिस ऐक्ट, आईपीसी और अन्य अधिनियमों के तहत कार्रवाई की गई। पुलिस मुख्यायल ने शुक्रवार को डाटा जारी किया। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ज्यायादातर लोग काम के सिलसिले में दिन में बाहर रहते हैं। ऐसे में सत्यापन अभियान देर रात तक चलाया जा रहा है, ताकि सभी लोगों का घरों में या जहां वे रहते हैं, वहां सत्यापन हो सके। पहले दिन 4094 का सत्यापन किया गया। ये अभियान 10 दिन तक चलेगा। राज्य में कहीं से भी आया कोई संदिग्ध इस अभियान से नहीं बच पाएगा। उनको खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एसडीआरएफ के व्यवस्थापन के सम्बन्ध में एक बैठक की।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा बैठक में उपस्थित अधिकारियों से एसडीआरएफ की जनशक्ति, तैनाती एवं उनके पास उपलब्ध रेस्क्यू उपकरणों की जानकारी प्राप्त कर निम्न बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिये गये-
1.. चारधाम यात्रा रूटों पर पड़ने वाले पुलिस थानों में 04 एवं चौकियों में 02 एसडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए।
- आपदा मित्रों को राहत एवं बचाव कार्याें का प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही इन सभी आपदा मित्रों का जनपदवार व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें एसडीआरएफ के पोस्ट कमाण्डर और कम्पनी कमाण्डर भी जुड़े हों। ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में सूचना तेजी से मिले और रिस्पांस टाइम अच्छा हो।
- मानसून से पहले आपदा की दृष्टि से महत्पवूर्ण स्थानों को चिन्हित कर एसडीआरएफ के व्यवस्थापन का प्लान तैयार कर लें।
- हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम की क्षमता को बढ़ाते हुए इसमें प्रशिक्षण प्राप्त 50 कर्मियों को ट्रेकिंग के बेस प्वाइंट्स पर तैनात किया जाए। सभी कर्मी वे हो, जो 20 हजार फीट की पर्वत श्रंखला चढ़ चुके हैं।
- चारधाम यात्रा एवं मानसून के दृष्टिगत एसडीआरएफ द्वारा पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले आपदा एवं बाढ़ राहत प्रशिक्षण को माह मई, जून, जुलाई व अगस्त में संचालित न किया जाए। यह प्रशिक्षण सितम्बर माह से प्रारम्भ किये जाए। पीएसी एवं पुलिसकर्मियों की क्षमता में वृद्धि हो इसके लिए उन्हें यह प्रशिक्षण अधिक से अधिक कराया जाए।
- बाढ़ राहत की प्रत्येक टीम को अत्याधुनिक बाढ़ राहत उपकरणों से लैस किया जाए।
- मोरी, घनसाली, गैरसैंण और चम्पावत में एसडीआरएफ की स्थायी पोस्ट खोली जाएगी।
- मानसून में राहत एवं बचाव कार्याें हेतु धारचूला में एसडीआरएफ की पोस्ट खोली जाएगी।
इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ- पुष्पक ज्योति, पुलिस उप महनिरीक्षक, एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, सहित एसडीआरएफ के अधिकारी उपस्थित रहे।
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