उत्तराखण्ड में नैनीताल के इन नौनिहालों को देखकर आपको आश्चर्य भी होगा और गर्व भी। इन छह से नौ वर्ष के बच्चों ने खड़े पहाड़ों में चढ़कर अपने अंदर के डर को दूर कर पहाड़ चढ़ने की विद्या ग्रहण की है।
नैनीताल में बारह पत्थर माउंटेनियरिंग साइट में पिछले कुछ दिनों से 6 वर्ष से 9 वर्ष तक कि उम्र के बच्चों को माउंट क्लाइम्बिंग का एलिमेंट्री(प्राथमिक) प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उनके परिजनों से मात्र ₹1600/= की फीस लेकर इन बच्चों को रैपलिंग, क्लाइम्बिंग, बोल्ड्रिंग, स्क्रेम्बलिंग, ज़िप लाइन, बर्मा ब्रिज, बैम्बू लैडर क्लाइम्बिंग आदि का बेहतरीन प्रशिक्षण दिया।
इन प्रशिक्षु बच्चों को नैनीताल माउंट क्लाइम्बिंग क्लब(एन.टी.एम.सी.)की तरफ से प्रशस्तिपत्र भी दिया गया। टकटकी लगाए बैठे ये माँ बाप अपने नन्हें मुन्हें बच्चों को खतरनाक पहाड़ पर चढ़ना सीखता देख रहे हैं। इनमें से कुछ के लड़के और लड़कियां मात्र छह सात वर्ष के ही हैं। प्रैम और गोद में घूमने की उम्र में ये बच्चे इन अत्यधिक कठिन पहाड़ों में चढ़ उतर रहे हैं, जो इनके मन के डर और उत्सुकता को दूर कर उत्साह और उमंग की ज्योत जलाएगा।
नैनीताल के अलग अलग प्ले और कक्षा तीन तक के स्कूलों के ये 18 बच्चे प्रशिक्षण का हिस्सा बने हैं। इनमें अहाना छाबड़ा, अद्विका चौहान, अक्षरा साह, अमायरा राज जेठी, अनन्या श्रीवास्तव, अनुष्का साह, आस्मि कृष्णानी, अयांश साह, दर्शित बर्थवाल, दिव्यांश सिंह बिष्ट, मोक्षिका अधिकारी, पार्थ सनवाल, राधिका पाण्डे पिल्लई, सारा कृष्णानी, श्रेयांश राज सिंह ढेला, तनिष्क शाही, याना आदित्य, दिवित बर्थवाल ने वहां मौजूद लोगों को ‘दांतों तले अंगुली चबाने’ को मजबूर कर दिया।
बच्चों ने जहां इस ट्रेनिंग को एन्जॉयमेंट बताया वहीं परिजनों ने बच्चों से डर दूर करने का प्रभावी कदम बताया। आयोजक इसे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रेनिंग मानते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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