उत्तराखण्ड के नैनीताल में कुछ दिनों से रुक रुक्कर बरसात होने के बाद अब नैनीझील के निकासी गेटों को खोल दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि वो शहर की जरूरत और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर, समय समय में गेट खोलते रहते हैं।
विश्व विख्यात नैनीझील के पानी का ओवर फ्लो निकालने के लिए दो वर्ष पूर्व ब्रिटिशकालीन निकासी गेटों को हटाकर अत्याधुनिक स्काडा गेट सिस्टम लगाया गया था। उसी वर्ष बरसातों में ये गेट भारी मानवीय त्रुटि के कारण बन्द रह गए, जिसकी वजह से नैनीझील में बाढ़ के हालात पैदा हो गए और झील का पानी नैनादेवी मंदिर में घुस गया और तल्लीताल की रोड में बहने लगा था। ये मुद्दा जोरों शोरों से सत्ता के गलियारे में भी उछला था, जिसके बाद इसकी देखरेख करने वाला सिंचाई विभाग सतर्क हो गया था।
अब विभाग झील में पानी का स्तर 10.6 फ़ीट से ऊपर जाते ही खोल रहा है। सिंचाई विभाग के ए.एक्स.एन. ए.के.वर्मा का कहना है कि शहर की पेयजल आपूर्ति पूरी करने वाले इस श्रोत को वो हर वक्त लबालब रखना चाहते हैं।
मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही नैनीझील के पानी की निकासी की जाती है। उन्होंने बताया कि जलस्तर के 11 फ़ीट पहुंचने पर गेट खोल दिये गए थे, अब नगरवासियों को जमकर पेयजल उपलब्ध हो रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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