नैनीताल : हिमालयन फ़ूड फेस्टिवल में विदेशियों को भाया पहाड़ी थाली का स्वाद..

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उत्तराखण्ड के नैनीताल में आयोजित राज्य स्थापना दिवस में हिमालयन फूड फेस्टिवल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। राज्य आंदोलनकारियों समेत अन्य को सुनने के लिए दर्शकों का टोटा दिखा। पोलैंड से पहुंचे पर्यटकों ने भी पहाड़ी थाली का आनंद लिया और इसे अच्छा कॉन्सेप्ट बताया।


नैनीताल में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सवेरे से ही कार्यक्रमों की झड़ी लगी रही। सवेरे मैरेथों के बाद विधायक ने राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारी को श्रद्धांजलि दी, फ्लैट्स मैदान में राज्य आंदोलनकारियों, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने विचार रखे। हिमालय फूड फेस्टिवल के बाद याच रेस का आयोजन हुआ। बास्केटबॉल कोर्ट में लगे स्टॉलों में शाकाहारी और मांशाहरी कुमाउँनी कुजीन परोसा गया। इसमें के.एम.वी.एन., ग्रैंड होटल, नैनी रिट्रीट, आई.टी.सी.वैलकम हेरिटेज, लेक सिटी वैलफेयर, चेली आर्ट्स, विक्रम विंटेज, अनुपम रेस्टोरेंट और स्टर्लिंग रिसोर्ट ने अपने अपने स्टाल लगाए।

इन स्टालों ने गहत की दाल, भट्ट के डूबके, आलू के गुटके, कुमाउँनी रायता, बड़ा, मडुवे की रोटी, कुमाउँनी मटन, सिंघल, झुंगेरे की खीर, हिमालयन ट्राउट, शिगाडी मीट, भांग की चटनी, पालक का कापा, मूली गडेरी, गहत का बेडवा, लेसुव रोटी, मंडुवे की जलेबी, मडुवे की बालूशाही, मफिन, भट्ट की चुड़कानी, पेस्ट्री और मफिन्स के अलावा कई पकवान रखे गए थे।


फ्लैट्स में जिला प्रशासन ने सरकारी विभागों के स्टाल लगाए जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, जिला उद्योग केंद्र, समाज कल्याण विभाग, रेशम विकास विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, मत्स्य विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, पर्यटन विकास विभाग, जिला प्रशासन, सहकारिता, ग्रामीण बैंक
एन.जी.ओ.भिटौली स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना। प्रशासन ने नैनीझील में याच रेस का आयोजन भी कराया।


फ़ूड फेस्टिवल में पहुंचे पोलैंड के दंपत्ति दोरोथा और क्रिज़िस्थोफ पिलर्स ने वार्ता में बताया कि उन्होंने एक स्टाल से थाली खरीदी। दोनों सोमवार को जोधपुर से पंतनगर तक फ्लाइट से आए और वहां से बस से नैनीताल के बलदीयाखान में रुके। दोनों ने मंगलवार को बाबा नीब करौरी का कैंचीं मंदिर पहुंचकर दर्शन किये। आज नैनी ताल घूमने केबाद दोनों कल अपने वतन लौट रहे हैं। क्रिज़िस्थोफ ने कहा की पहाड़ी थाली एक अच्छा आईडिया है, इसमें अलग अलग खाने का स्वाद मिल जाता है। उन्होंने यहां पहुंचकर थाली खरीदी और अब उसे स्वाद से इंजॉय कर खा रहे है। पत्नी दोरोथा ने कहा कि पोलैंड में अधिकतर लोग मांस खाते हैं, लेकिन वो कभी कभी कहते हैं। यहां हम अधिकतर शाकाहारी ही खा रहे हैं। फेस्टिवल में स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों ने भी आनंद लिया।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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