उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश अब मुसीबत का सबब बनती जा रही है। घनघोर बरसात से राज्य में मुसीबत बढ़ गई है। बीते तीन दिनों की बात करें तो भूस्खलन समेत अन्य कारणों के चलते हर दिन मैदानी और पर्वतीय इलाकों में कई मार्ग बंद हो रहे हैं।कई जगहों पर भारी जलभराव की स्थिति है तो वहीं भू स्खलन से पर्वतीय इलाकों में हालात खराब होते नज़र आ रहे हैं। कुमाऊं मंडल के जिलों में नदी नाले उफान पर हैं। भारी बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे मंज़र दिखाई दिए हैं।
हालातों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है
दैवीय आपदा से बचाव हेतु आवश्यक दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में।
जारी पत्र उपर्युक्त विषयक महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड, देहरादून के स्तर से गत वर्ष संख्या/म.नि./2299-2303/विविध/आ.प्र./2023-24/ दिनांक 22 जुलाई 2023 के द्वारा निर्देशित किया गया था कि प्रदेश में भारी वर्षा, आपदा एवं भूस्खलन आदि के सम्बन्ध में सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय परिस्थिति एवं विद्यालय की भौतिक स्थिति के आधार पर तात्कालिक निर्णय लिये जाने आवश्यक है। उक्त के दृष्टिगत दिनांक 06 जुलाई 2024 को महानिदेशक महोदय द्वारा वर्चुअल बैठक में निम्नांकित बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की समीक्षा एवं विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए अतिवृष्टि एवं प्रतिकूल परिस्थितियों के दृष्टिगत स्थानीय आवश्यकतानुसार विकासखण्ड/जनपद के अवकाश हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी के अनुमोदनोपरान्त तत्काल अवकाश हेतु निर्णय लिया जाय।
बच्चों के निवास स्थान से विद्यालय आवागमन नदी नाले उफान में होने, बाढ, व भूस्खलन की सम्भावना होने की स्थिति प्रतीत होती हो तो उक्त क्षेत्र के छात्र-छात्राओ हेतु ऑनलाईन शिक्षण सुविधा प्रदान करते हुए विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थिति की बाध्यता को शिथिल किया जाय।
विद्यालय में जर्जर भवनों / कक्षों, आस-पास के परिवेश, विद्यालय के निकट भूस्खलन, जर्जर छत, किचन, जर्जर पेड़, विद्युत लाईन कनेक्शन, स्विच बोर्ड एवं आदि अन्य शिक्षण स्थलों का समग्र रूप से अवलोकन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
जर्जर भवनों में पठन-पाठन कदापि न कराया जाय। यदि निकट परिसर में सुरक्षित पंचायत भवन / अन्य राजकीय भवन उपलब्ध होता हो तो उस स्थल का समुचित निरीक्षण करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
. संस्थाध्यक्ष एवं कक्षाध्यापकों द्वारा प्रत्येक अभिभावक का मोबाईल नम्बर अवश्य प्राप्त कर लिया जाय, ताकि उनके पाल्यों के पठन-पाठन, अवकाश आदि के सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार यथासमय जानकारी दी जा सके।
अतिविशेष परिस्थिति में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक स्वविवेक से निर्णय लेते हुए अपने उप जिलाधिकारी / खण्ड शिक्षा अधिकारी से दूरभाष पर वार्ता के पश्चात् उनकी सहमति की दशा में विद्यालय में अवकाश कर सकते हैं. जिसकी सूचना तहसील स्तरीय आपदा कंट्रोल रूम एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय को देंगे। अध्यापक छात्रों से विद्यालय पहुँचें पहले तथा अवकाश के दौरान छात्रों को उनके निवास सुरक्षित पहुँचाने की स्थिति भी सुनिश्चित करेंगे।
अतः उपरोक्त बिन्दुओं की ओर आपका व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करते हुए निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण की गम्भीरता एवं छात्र सुरक्षा के मध्यनजर प्रतिकूल स्थानीय मौसम के अनुसार विद्यालय संचालन करना सुनिश्चित करेंगे।
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