उत्तराखंड में नए कैलेंडर वर्ष की दस्तक के साथ यानी एक जनवरी से जमीनों के सर्किल रेट बढ़ जाएंगे। राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गों के निकट के क्षेत्रों में सर्किल रेट में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की तैयारी है।
पूरे प्रदेश में यह वृद्धि औसतन 10 से 15 प्रतिशत तक हो सकती है। प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए सरकार को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन सेक्टर से बड़ी उम्मीद हैं।
कोरोना महामारी के कारण बीते दो वर्षों में जमीनों के सर्किल रेट जस के तस हैं। 14 जनवरी, 2020 को इसमें वृद्धि की गई थी। इसके बाद अभी तक सर्किल रेट नहीं बढ़े हैं। अब सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए यह कवायद शुरू की है।
बीते कुछ महीनों से सभी 13 जिलों में सर्किल रेट में परिवर्तन की संभावनाओं और ऐसे क्षेत्रों का चिह्नीकरण किया गया। जिलों से ये प्रस्ताव शासन को मिल चुकी है। अब केंद्रीय मूल्यांकन समिति के स्तर पर इसे लेकर मंथन चल रहा है।
सर्किल रेट के निर्धारण में इस बार विसंगतियों को भी दूर किया जाएगा। जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की सहायता से किए गए सर्वे यह सामने आया कि प्रदेश में राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गों के निकटस्थ क्षेत्रों में सर्किल रेट निर्धारण में भारी अंतर रहा है।
राजमार्ग के दायीं ओर सर्किल रेट बढ़ाए गए तो बायीं ओर छोड़ दिया गया अथवा तुलनात्मक रूप से कम वृद्धि की गई। जियो मैपिंग के माध्यम से सर्किल रेट को अधिक तार्किक और समान रूप से निर्धारित करने पर बल दिया गया है।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि जिलों से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा केंद्रीय समिति के स्तर पर की जा रही है। अगले सप्ताह सर्किल रेट के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद इसे मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इसे प्रदेश में आगामी एक जनवरी से लागू किया जाएगा।
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