उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून के मसले पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की अहम बैठक

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विधानसभा भवन भराड़ीसैंण में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें राज्य के सशक्त भू-कानून पर विचार-विमर्श हुआ। इस बैठक में भू-कानून पर बनी विशेष समिति के सदस्य, पूर्व उच्चाधिकारी, और बुद्धिजीवियों ने अपनी राय दी। बैठक का उद्देश्य राज्य में एक प्रभावी और स्थानीय जरूरतों के अनुरूप भू-कानून तैयार करना था, जो प्रदेश के विकास और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सके।

मुख्यमंत्री का बयान

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार भू-कानून को लेकर अत्यंत गंभीर है और इसे जनभावनाओं के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सशक्त भू-कानून का मसौदा स्थानीय आवश्यकताओं और विकास की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर जनता से सुझाव प्राप्त किए जाएंगे, जिनमें से अच्छे और व्यावहारिक सुझावों को ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा।

भू-कानून का मसौदा

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नया भू-कानून स्थानीय लोगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही राज्य में विकास के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। यह कानून स्थानीय समुदायों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देगा और भूमि से संबंधित मुद्दों को एक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से सुलझाएगा। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए, जिनका समावेश आगामी ड्राफ्ट में किया जाएगा।

बैठक में उपस्थित अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व नौकरशाह भी शामिल हुए। इनमें मुख्य सचिव राधा रतूडी, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, और पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी जैसे अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।

आगामी कदम

मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि आगामी बजट सत्र में राज्य सरकार सशक्त भू-कानून विधेयक विधानसभा में पेश करेगी। इसके लिए पूर्व नौकरशाहों और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है, ताकि कानून को और अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाया जा सके।

महत्वपूर्ण बिंदु:

मुख्यमंत्री ने भू-कानून को जनभावनाओं के अनुरूप बनाने की बात की।

एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर जनता से सुझाव लिए जाएंगे।

आगामी बजट सत्र में सशक्त भू-कानून विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा।

बैठक में पूर्व नौकरशाहों और वरिष्ठ अधिकारियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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