खोखला सिस्टम (हल्द्वानी) : क्यों नहीं आई108 एम्बुलेंस ,बीच सड़क पर जन्मा बच्चा..STH में नवजात की मौत

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नैनीताल : पूरे देश के साथ साथ उत्तराखंड शाइनिंग कर रहा है लेकिन आज जनपद नैनीताल में जो दुखद घटना हुई ,वाकई खोखले सिस्टम के ऊपर सवाल खड़े करना लाजमी है क्योंकि राज्य के रहनुमाओं को चुनाव की तैयारी जो करनी है और अपनी झूठी उपलब्धियों को जनता के सामने पेश करके अपनी पीठ भी थपथपानी है दरअसल आज के उत्तराखंड शाइनिंग के दौर में आज ऐसी अनहोनी घटना हुई जो बयां कर रही है आज की कड़वी हक़ीक़त।

कड़ाके की सर्दी के बीच नैनीताल जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर भूमियाधार में एक गर्भवती महिला ने बीच सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। दो घंटे इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो परिजन महिला को खुद ही अस्पताल पहुंचाने लगे। पर बीच सड़क पर ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बच्चे व महिला की स्थिति को देखते हुए दोनों को हल्द्वानी रेफर किया गया ।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य गर्भवती थी। सुबह नौ बजे उसे अचानक प्रसव का दर्द शुरू होने लगा। इस पर 108 एम्बुलेंस को फोन किया। पर 10 बजे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद परिजन प्रसूता को सड़क तक लाने की कोशिश करने लगे। पर प्रसूता ने इसी बीच सड़क में ही बच्चे को जन्म दे दिया। आशा कार्यकर्त्री हंसी टम्टा ने बताया कि प्रसूता के फोन आते ही वह उनके घर गई। फिर 108 को फोन किया लेकिन एक घंटे बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। 108 वाले स्थानीय एम्बुलेंस का टॉयर पंक्चर होने का हवाला देते रहे।

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट ने बताया कि वह अपने निजी काम से बाजार आ रहे थे। उन्होंने देखा कि सड़क में कुछ महिलाएं खड़ी हैं। पास जाने पर पता चला कि एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। पूछने पर उन्होंने बताया कि वह 108 एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे थे। फिर वह महिला व बच्चे को सीएचसी भवाली लाए। उन्होंने बताया कि नौ से 11 बजे तक एंबुलेंस नहीं आई। भवाली स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर अरीता सक्सेना ने बताया कि महिला ने सात माह में बच्चे को जन्म दिया है। फिलहाल उपचार के बाद मां-बच्चे को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया गया।

सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में लगभग 2:30 बजे दिन में मनोज आर्य अपनी पत्नी निर्मला आर्य और बच्चे को लेकर इलाज के लिए आए पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार नवजात बच्चे की कंडीशन उस वक्त अच्छी नहीं थी जिसकी इलाज के दौरान लगभग 6:30 बजे सांसे थम गई और नवजात की मृत्यु हो गई जिसके बाद दोनों पति पत्नी अपने मृत बच्चे को लेकर वहां से अपने घर को रवाना हो गए।

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