“हिस्ट्री ऑफ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स” का विमोचन: संगीत वाद्ययंत्रों के इतिहास पर महत्वपूर्ण योगदान

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हल्द्वानी में आज उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा “हिस्ट्री ऑफ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स” (संगीत वाद्ययंत्रों का इतिहास) पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक डॉ. महेश चंद्र पांडे और डॉ. मनीष डंगवाल द्वारा लिखित है और संगीत वाद्ययंत्रों के विकास, उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों का गहन विश्लेषण करती है।

विमोचन कार्यक्रम में एमबी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एन एस बनकोटी ने लेखकों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर गोविंद पाठक, डीआईजी माननीय शंकर पांडे, और विभिन्न विश्वविद्यालयों के गणमान्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

लेखकों का परिचय

डॉ. महेश चंद्र पांडे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित विद्वान हैं, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की है और 18 वर्षों से अधिक समय से शिक्षण कार्य में सक्रिय हैं। वर्तमान में वे हल्द्वानी में एमबी राजकीय महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
डॉ. मनीष डंगवाल भी एक उत्कृष्ट संगीत विद्वान हैं, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की है और वे राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर में एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।

पुस्तक का सार

“हिस्ट्री ऑफ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स” संगीत वाद्ययंत्रों के ऐतिहासिक विकास की यात्रा प्रस्तुत करती है, जो प्राचीन लयबद्ध बीट्स से लेकर आधुनिक नवाचारों तक फैली हुई है। पुस्तक में वाद्ययंत्रों के सांस्कृतिक महत्व, उनके निर्माण और समाज पर उनके प्रभावों को विस्तार से बताया गया है। यह संगीत वाद्ययंत्रों की समृद्ध परंपरा और उनके माध्यम से मानव सभ्यता के विभिन्न पहलुओं की गहरी समझ को प्रस्तुत करती है।

प्राचीन समय के ताल वाद्यों से लेकर आज के आधुनिक वाद्य यंत्रों तक, यह पुस्तक संगीत वाद्ययंत्रों के विविध रूपों और उनके सांस्कृतिक महत्व को उजागर करती है, जो संगीत और कला के माध्यम से बेहद शानदार अनुभवों को भी आकार देती है।

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