हाईकोर्ट – बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के मामले में याचिकाकर्ता से जवाब तलब…

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले की सी.बी.आई.जांच करने और देहरादून में बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करने के दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से सरकार के जबाव पर 4 हफ्ते के भीतर प्रतिउत्तर देने को कहा है ।

न्यायालय ने बेरोजगारों के पुलिस पर पथराव करने और हिंसा फैलाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं ।
न्यायालय ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि “ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक होने के मुद्दे पर आंदोलन करते हुए भीड़ ने हिंसा का सहारा लिया था।

भले ही प्रश्नपत्र लीक हुए हों, लेकिन यह प्रकरण किसी को भी हिंसा का सहारा लेने, सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने या सार्वजनिक उपद्रव करने की अनुमति नहीं दे सकते। याचिकाकर्ता को प्रशासन से उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद शांतिपूर्ण सभा में अपना विरोध दर्ज कराने का मौलिक अधिकार है लेकिन उसे हिंसा का सहारा लेने का अधिकार नहीं होता है। इसलिए हम पुलिस के खिलाफ कायवाही की मांग को अस्वीकार करते हैं। हम सरकार को हिंसा या आगजनी करने वाले सभी लोगों के खिलाफ उचित और कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं”।


मामले के अनुसार देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से छात्र यू.के.एस.एस.सी.पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर उतरे और पुलिस ने बेरोजगारों युवाओं पर लाठीचार्ज कर दिया। सरकार अब इस मामले में चुप है। छात्रों को जेल भेज दिया गया। सरकार पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ तो कोई ठोस कदम उठा नहीं रही है। इसलिए इस मामले की जाँच सी.बी.आई.से कराई जाय।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि लोकल पुलिस और एस.टी.एफ.पर उनका विश्वास नहीं है। सरकार की परीक्षा कराने वाली यू.के.एस.सी.सी.ने बी.डी.ओ.भर्ती, लेखपाल भर्ती और पटवारी भर्ती की परीक्षाएं कराई हैं लेकिन तीनों परीक्षाओ के पेपर लीक हुई है ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page