हाईकोर्ट – राज्य सरकार के आदेश निरस्त, 5 साल होगा मेडिकल काउंसिल के सदस्यों का कार्यकाल

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने मैडिकल काउंसिल आफ उत्तराखण्ड के सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष से कम करके तीन वर्ष करने के आदेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सरकार के इस आदेश को निरस्त करते हुए पूर्व के आदेश को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है।


मामले के अनुसार देहरादून निवासी अजय खन्ना ने याचिका दायर कर कहा कि मैडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड के सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष निर्धारित है। जिसे सरकार ने 12 मार्च 2023 को शासनादेश जारी कर 3 वर्ष कर दिया।

सरकार के इस आदेश से मैडिकल काउंसिल ने बोर्ड को भंग कर दिया। सरकार के इस आदेश को याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायलय में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिस्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र डोभाल ने न्यायालय को बताया कि सरकार का यह आदेश मैडिकल काउंसिल एक्ट 2002 के विरुद्ध है। जिसमें सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है न की 3 वर्ष है। इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाय।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page