उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मानव वन्यजीव संघर्ष संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 2 माह के भीतर राजाजी कंजर्वेशन प्लान तैयार करने के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु के नेशनल पार्कों से अच्छे प्लान से उत्तराखंड के लिए बेहतर टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई मई माह के लिए तय की है।
मामले के अनुसार, देहरादून निवासी अनु पंत ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि नवंबर 2022 में इस मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव वन को दिशा निर्देश दिये और मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने को कहा।
इस मामले में पूर्व में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल के शपथपत्र में केवल कागजी कार्यवाही का उल्लेख किया गया था और धरातल पर मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने का कुछ उल्लेख नही था। कुछ वर्षों से मानव व वन्यजीव संघर्ष बहुत बढ़ गया है।
जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि मानव वन्यजीव संघर्ष पर रोक लगाया जाए और पूर्व में न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाए।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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