उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने चर्चित एन.एच.74 घोटाले के दस आरोपियों के मामले में सुनवाई करते हुए ई.डी.से एक सप्ताह के भीतर इनकी याचिकाओं में आपत्ति पेश करने को कहा है। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई एक मार्च को तय की है।
मामले के अनुसार डी.पी.सिंह, अर्पण कुमार, संजय कुमार चौहान, विकास कुमार, बोले लाल, भगत सिंह फोनिया, मदन मोहन पलड़िया, बरिंदर सिंह, बलवंत सिंह, रमेश कुमार और ओम प्रकाश ने अलग अलग याचिकाएं दायर कर निचली अदालत के 28 अप्रैल 2022 के आदेश को चुनोती दी है। जिसमे इंफोर्समनेट डिपार्टमेंट(ई.डी.)से कहा गया था कि इनके खिलाफ अलग अलग मुकदमें दर्ज करे जाय। जिसके बाद उनके खिलाफ अलग अलग मुकदमें दर्ज किए गए।
याचिकाओं में कहा गया है कि यह आदेश गलत है। पहले मुकदमें को वापस नहीं लिया जा सकता। घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज है, किसी के खिलाफ एक तो किसी के खिलाफ दो या तीन शिकायतें तक दर्ज हैं। डी.पी.सिंह के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज है। अगर वे एक केस में उपस्थित नही होने की प्राथर्ना पत्र देते है तो उन्हें अन्य छः केसों में भी प्रार्थना पत्र देना पड़ेगा, नही देने पर उनके खिलाफ कुछ भी आदेश हो सकता है।
इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाय। एन.एच.74 घोटाले में एस.आई.टी.ने 2011 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि 2017 में की थी। जिसमे कई अधिकारी, कर्मचारी और किसान शामिल थे। जिहोंने किसानों की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर यह कार्य किया। एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त सेंथिल पांडियन ने घोटाले की आंशका जताई थी।
जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को जाँच के आदेश दिए। जाँच सही पाए जाने पर तत्कालीन ए.डी.एम. प्रताप साह ने पंतनगर के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया। इनके अलावा कई लोगो के नाम सामने आए जिन्हें जेल भेज दिया गया। जबकि दो आई.ए.एस.अधिकारी भी निलंबित हुए। अभी एन.एच.74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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