उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जोशीमठ में हुए भू-धसाव संबंधी जनहित याचिका में एन.डी.एम.ए.(नैशनल डिसास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी)से स्टेट्स रिपोर्ट याचिकाकर्ता सहित अन्य रिस्पांडेंट को उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि वे उसका अध्ययन कर राज्य सरकार को अपने सुझाव दे सकें।
अल्मोड़ा निवासी पी.सी.तिवारी की जनहित याचिका में आज एन.डी.एम.ए. की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि उन्होंने जोशीमठ की जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान एन.टी.पी.सी.की तरफ से प्रार्थनापत्र देकर कहा गया कि उन्हें जोशीमठ में निर्माण कार्य व ब्लास्ट करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उनकी परियोजना जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर है। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इनकी परियोजना केवल 1.5 किलोमीटर दूर है, इसलिए इन्हें ब्लास्ट की अनुमति नहीं दी जा सकती। जिसपर न्यायालय ने दोनों से एन.डी.एम.ए.के पास जाने को कहा था।
आपको बता दें कि अल्मोड़ा निवासी उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी नेता पी.सी.तिवारी ने 2021 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के पास आपदा से निपटने की सभी तैयारियां अधूरी हैं और सरकार के पास अब तक कोई ऐसा सिस्टम नहीं है जो आपदा आने से पहले उसकी सूचना दे।
वहीं उत्तराखंड में 5600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले यंत्र नहीं लगे हैं और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग इंस्टीट्यूट अभी तक काम नहीं कर रहे हैं जिस वजह से बादल फटने जैसी घटनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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