उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने कार्बेट नैशनल पार्क के कालागढ़ रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के मामले में मुख्य सचिव से जवाब दाखिल करने को कहा है। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई है ?
देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद रखी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि न्यायालय ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान के बारे में मुख्त सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे जिसमें छह हजार पेड़ काटे गए थे।
अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? मुख्य सचिव ने भी अपने शपथपत्र में कहा था कि वो समय समय पर न्यायालय को की जा रही कार्यवाही के बारे में अवगत कराते रहेंगे, परंतु विगत एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिजय नेगी ने न्यायालय में यह तथ्य उठाया कि नवीन रहेजा के मामले में उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था की कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक भी वृक्ष नही कटा जा सकता। परंतु वर्तमान में फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला धब्बा हैं। उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी के अनुसार कई अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन इन शीर्ष अफसरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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