उत्तराखण्ड के हल्द्वानी निवासी पूर्व विश्वस्तरीय बॉक्सर खीमानंद बेलवाल भी इनदिनों भारतीय बॉक्सिंग टीम के साथ पेरिस ओलंपिक में शिरकत करने के लिए पेरिस पहुँच चुके हैं। बेहद सरल स्वभाव के इस पहाड़ी मुक्केबाज के बॉक्सिंग बैकग्राउंड को जानकर आप निःसंकोच आश्चर्य में पड़ जाएंगे।
यू.पी.और फिर नवगठित ऊत्तराखण्ड से खेलते हुए भारत का जोरदार प्रतिनिधित्व कर चुके हल्द्वानी में मुखनि निवासी खीमानंद बेलवाल इनदिनों पंजाब के पटियाला स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया(साईं)में कोच की भूमिका निभा रहे हैं। खीमानंद ने एन.आई.एस., एन.एस.से खेल कोचिंग की सर्वोच्च डिग्रियां प्राप्त की हैं।
हल्द्वानी स्टेडियम में वर्ष 1994 से देवेंद्र चंद भट्ट की गाइडेंस में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू करने वाले खीमानंद को कोच मुखर्जी निर्वाण से भी जमकर टिप्स मिली। बॉक्सिंग के गुर सीखने के बाद खीमानंद ने अपना अंतराष्ट्रीय करियर वर्ष 1999 में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में स्वर्ण जीतकर शुरू किया।
उन्होंने वर्ष 2000 में रूस के याकूत में आयोजित चिल्ड्रन ऑफ एशिया गेम्स में रजत, 2000 में ही जर्मनी के कोटबुस में कोटबुसर कप में स्वर्ण, उसी वर्ष जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में ब्रेंडनबर्ग कप में कांशय, वर्ष 2001 में नैपाल के काठमांडू में साउथ एशियन अमेचौर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, 2002 में दिल्ली में होने वाली यंग मैन क्रिस्टियन्स एसोसिएशन(वाई.एम.सी.ए.)में स्वर्ण, इसी वर्ष बेंगलोर में इंडो श्रीलंका आर्मी ड्यूल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, इसी वर्ष जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में ब्रेंडनबर्ग कप में स्वर्ण, वर्ष 2002 में ही क्यूबा के सेंटियागो में जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया, वर्ष 2003 में पुणे में आयोजित इंडो म्यांमार बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, इसी वर्ष क्यूबा के सेंटियागो में गिरारडो कॉर्डोवा कार्डिन सीनियर इंटर्नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया।
वर्ष 2003 में ही जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में होने वाले ब्रेंडनबर्ग कप में कांशय, इसी वर्ष श्रीलंका के कोलंबो में इंडो श्रीलंका आर्मी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण, इटली के कटानिया में हुए 2003 के वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में कांशय, वर्ष 2004 में दिल्ली के यंग मैन क्रिस्टियन्स एसोसिएशन(वाई.एम.सी.ए.)में प्रतिभाग और इसी वर्ष यूनाइटेड अरब एमिरेट्स के दुबई में हुई इंडो दुबई बॉक्सिंग मीट में स्वर्ण पदक जीता।
इसके अलावा कड़ी मेहनत और लगन के धनी खीमानंद ने 1997 से 2005 तक भारत मे हुई असंख्य प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा दी। उन्होंने एन.आई.एस.हामला और एयरफोर्स स्टेशन बेंगलोर में हुई तीन अलग अलग सर्विसेज प्रतियोगिताओं में भी स्वर्ण पदक जीतकर अपना लोहा मनवा दिया।
खीमानंद के अंडर में रानीखेत की कुमाऊं रेजिमेंट में सतीश कुमार और दुर्योधन नेगी जैसे बॉक्सर ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्होंने कोच के रूप में जकार्ता, रूस, कजाकिस्तान, सर्बिआ, बुल्गारिया, थाईलैंड, इटली, आयरलैंड, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान समेत पुरुष और महिला के इलीट वर्ग के पेरिस ओलंपिक स्क्वाड को जर्मनी में पूर्वाभ्यास कराया।
खेल प्रेमियों ने खीमानंद की टीम को ओलंपिक में मेडल लेम की शुभकामनाएं दी है। इनमें ओलंपिक एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजीव मेहता, यू.के.ओलंपिक एसोसिएशन अध्यक्ष मुखर्जी निर्वाण, सचिव गोपाल खोलिया, नवीन टम्टा, पूर्व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी डी.पी.भट्ट, भारतीय बॉक्सिंग टीम कोच ललित प्रसाद, पूर्व अंतराष्ट्रीय बॉक्सर संजय अधिकारी, कोच अजय कुमार, विनय कुमार, दीपक भंडारी, रंजीत थापा, पुष्पा धर्मवाल समेत तमाम बॉक्सर आनंदित हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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