ग्रीन हल्द्वानी कुमाऊं का मुख्य प्रवेश द्वार जिसकी पहचान ही हरियाली है लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते मेन हाईवे पर बज बजाते कूड़े के पहाड़ और उसमें धधकती आग से उठता ज़हरीला धुआं ग्रीन हल्द्वानी का नक्शा पूरी तरह से बिगड़ने की कगार पर है शहर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस दम घोंटते ज़हरीले धुंए को निगलने को मजबूर है हाईवे पर बेतरतीब और बेहिसाब तरीके से अंबार लगा हुआ बदबूदार कूड़ा शहर की सूरत बिगाड़ने पर आमादा है और ज़िम्मेदार अधिकारी भी शायद किसी बड़ी अनहोनी के इंतेज़ार में आंख मूंदे बैठे हैं।
आपको बताते चलें आर्मी ने जब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नगर निगम द्वारा गौलापार बाइपास पर गलत तरीके से कूड़ा डाले जाने की शिकायत की थी तो एनएचआई की ओर से मंडलायुक्त से इस पर आपत्ति दर्ज कराई गयी थी जिसके बाद मंडलायुक्त दीपक रावत ने मौके पर पहुंचकर नगर निगम को फटकार लगाई थी कि वह गलत तरीके से यहां पर कूड़े का निस्तारण न करे।
लेकिन नगर निगम है कि अपनी हेकड़ी से बाज़ ही नहीं आ रहा है। ट्रंचिंग ग्राउंड पर अभी भी बेतरतीब तरीके से कूड़ा निस्तारण किया जा रहा है, जो एनएच पर भी फैलता है। जिसके फलवरूप बीते मंगलवार को एक बार फिर से इस कूड़ा घर में आग धधक उठी थी।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर कूड़ाघर में लगी आग की वजह से धुंआ आसमान छू रहा था और राहगीर और वाहन इसी आग के धुएं से होकर गुज़र रहे थे। आंखों देखा नज़ारा है कि जिस समय आग चरम पर थी उसी समय इंडेन गैस की गाड़ी और भारत पेट्रोलियम का टैंकर भी पास से गुज़र रहा था। गनीमत रही कि आग ने इन वाहनों को नहीं पकड़ा। अगर कोई अनहोनी हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती। दस दिन पहले ही नगर निगम की कूड़ा गाड़ी से कुचलकर कूड़ाघर पर एक मज़दूर की मौत हुई थी। जिस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी नगर निगम है कि लगातार आंखें मूंदकर तमाशा देख रहा है।
आग लगने के बाद रवायती तौर पर निगम फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने के लिए भेजता है जो उपर ही उपर पानी की बौछारें मारकर चली जाती हैं। फिर कई दिनों तक कूड़े में आग सुलगती रहती है जिसका धुआं हज़ारों की आबादी वाले इंदिरानगर, गौजाजाली आदि क्षेत्रों में बसे लोगों का दम घोंटता रहता है। नगर निगम हाईकोर्ट के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहा है और अब तो मंडलायुक्त के आदेशों का भी उसपर कोई असर नहीं हो रहा है। इस मामले में एक बार फिर से एनएचआई को ही दखल देनी पड़ेगी तब शायद कहीं जाकर नगर निगम का होश आएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग 87 पर नगर निगम के ट्रंचिंग ग्राउंड से उठते धुएं से शहर की बड़ी आबादी के साथ-साथ, गौलापार ग्रामीण क्षेत्र, तराई पूर्वी व प्रभाग, गौला रेंज आरक्षित वन क्षेत्र में भयानक धुआं फैला हुआ है। ट्रंचिंग ग्राउंड से निकलता धुआं आसपास के लोगों के नासूर बना हुआ है। शनिवार को शहर के विभिन्न संगठनों एवं आम नागरिकों ने ट्रंचिंग ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह हजारों लोगों के सांस लेने के अधिकार का हन है। हजारों वन्यजीव कष्ट में हैं और सरकारी सिस्टम खामोशी से तमाशा देख रहा है।
प्रदर्शन करने वालों में विधायक प्रतिनिधि सैयद इशरत अली, सोशल एक्टिविस्ट तसलीम अंसारी, इरशाद हुसैन, भीम आर्मी के नफीस अहमद खान, हरीश लोधी, सुलेमान मालिक, अहमद अली, छात्र नेता नाजिम अंसारी, अरबाज खान, शाकिर मंसूरी, नवाज खान, राजा अंसारी, फाजील अंसारी, फिरोज खान, रईस अहमद, जावेद सलमानी, नईम अहमद, हबीबुर्रहमान अंसारी, सईद अहमद, फुर्कान सिद्दीकी, मो. लुकमान, साजिद सिद्दीकी, सुहैल अंसारी, सुहैल इदरिसी, शानु खान, फईम अहमद राजू, मो.इमरान, साहिल खान, आलम अंसारी, फैजान अंसारी, समीर खान आदि शामिल रहे।
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