हल्द्वानी : रेलवे ने अतिक्रमण हटाने के लिए जारी किया नोटिस,डेडलाइन के साथ वार्निंग..

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हल्द्वानी : माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल द्वारा याचिका (जनहित याचिका) सं. 30/2022 रवि शंकर जोशी बनाम भारत संघ तथा अन्य सह आई.ए. सं. 2/2022, 5/2022, 6/2022, 7/2022, 8/2022, 9/2022, 10/2922, 11/2022, 13/2022 एवं 15/2022 में दिनांक 20-12-2022 को पारित आदेश के क्रम में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन (रेलवे किमी 82.900) से समपार सं. 51 (रेलवे किमी 80.710) के मध्य रेलवे विभाग की भूमि में सभी अनाधिकृत कब्जेदारों को सूचित किया जाता है, कि रेलवे की भूमि से अनाधिकृत कब्जा इस नोटिस के प्रकाशन की तिथि से एक सप्ताह के भीतर खाली कर दें।

यदि इस नोटिस के प्रकाशन तिथि से एक सप्ताह के भीतर आपके द्वारा रेलवे भूमि से अनाधिकृत कब्जा खाली नहीं किया जाता है तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर अतिक्रमण | खाली करवाया जायेगा व इस पर आये खर्च को भी अनाधिकृत कब्जेदारों से वसूल किया जायेगा ।

नैनीताल जिले के अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे. कई परिवार जो दशकों से इन घरों में रह रहे हैं, वे इस आदेश का कड़ा विरोध कर रहे हैं. वहीं, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने रेलवे की 2.2 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बने मकानों और अन्य ढांचों को गिराने की प्रक्रिया के तहत तैयारियां शुरू कर दी है. 

हटाए जाएंगे कुल 4,365 अतिक्रमण 

बता दें कि लगभग 10 दिन पहले हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर सभी अतिक्रमणों को हटाने के लिए हाई कोर्ट का फैसला आया था. इज्जत नगर के रेलवे पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि कुल 4,365 अतिक्रमण हैं और इन्हें खाली करने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों की मदद से नोटिस दिया गया है.

अतिक्रमण क्षेत्र का ड्रोन सर्वे 

रेलवे ने यह भी कहा कि कोई भी अतिक्रमणकर्ता उक्त भूमि पर दावा करने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज पेश नहीं कर सकता है. कोर्ट ने करीब एक दशक से चल रहे एक मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद रेलवे के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे और राजस्व अधिकारियों की संयुक्त टीम ने गुरुवार (29 दिसंबर) को अतिक्रमण क्षेत्र का ड्रोन सर्वे किया था. स्थानीय निवासियों के विरोध के बीच उन्होंने अतिक्रमित क्षेत्रों का सीमांकन शुरू कर दिया है. 

विरोध में निकाला था मार्च

इस सप्ताह की शुरुआत में हजारों निवासियों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कैंडललाइट मार्च निकाला था. उन्होंने कहा कि वह बेघर हो जाएंगे. कुछ परिवार 40-50 सालों से इन जमीनों पर बने घरों में रह रहे हैं. इनमें से कई निवासी उन्हीं घरों में पैदा हुए हैं जो अब अगले 10 दिनों में बेघर होने की कगार पर हैं. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, रिहाइशी इलाके में करीब 20 मस्जिद और 9 मंदिर शामिल हैं. 

रेलवे प्रशासन द्वारा प्रमुख अखबारों में अतिक्रमणकारियों के नाम नोटिस जारी कर दिया गया है नोटिस में 7 दिन के अंदर अतिक्रमण खाली करने का फरमान है साथ ही यदि 7 दिन के अंदर अतिक्रमण कारी अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो उसको ध्वस्त करने की चेतावनी के साथ ही अतिक्रमण हटाने पर आए व्यव का खर्च भी अतिक्रमण कार्यों से लिए जाने की बात कही गई है आपको बता दें कि हल्द्वानी में बनभूलपुरा क्षेत्र में करीब 50000 की आबादी है जिस पर रेलवे अपना हक जता रहा है हाईकोर्ट ने रेलवे के पक्ष में फैसला देते हुए नोटिस जारी करने के 7 दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे को कहा है साथ ही हाईकोर्ट ने प्रशासन को भी रेलवे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अतिक्रमण को हटाने में पूर्ण सहयोग करने की हिदायत दी है इसी क्रम में आज रेलवे ने प्रमुख अखबारों में नोटिस प्रकाशित करा दिया है।

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