हल्द्वानी : इन्दिरा होतीं तो हल्द्वानी का ये हाल ना होता ..बदतर होते हालात के लिए राजनैतिक दल ज़िम्मेदार …

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हल्द्वानी : पहाड़ का नोएडा कहे जाने वाला ग्रीन हल्द्वानी विकास की देवी और हल्द्वानी विधानसभा को हर तरह से चमकाने के ख्वाब देखने वाली पूर्व विधायक स्वर्गीय डॉक्टर इंदिरा हिरदेश का शहर आज कूड़े के ढेरों में तब्दील हो गया ऐसा तो कभी शहर वासियों ने सोचा भी नहीं था की इंदिरा अम्मा के जाने के बाद हल्द्वानी विधानसभा के यह बदतर हालात हो जाएंगे, आखिर क्या है वजह और कौन है इसका ज़िम्मेदार..शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के गृह क्षेत्र हल्द्वानी में इन दिनों गंदगी का अंबार चारों तरफ दिखाई दे रहा है। इसकी मुख्य वजह है सफाई कर्मचारियों की हड़ताल है, देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ पिछले सात दिनों से पूरी तरह से हड़ताल पर चला गया है।


जिसके चलते हल्द्वानी क्षेत्र में जगह-जगह चौराहों पर कूड़े का ढेर नजर आ रहा है। कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी कूड़े के ढेर के नाम से मशहूर हो होने लगा है। पहाड़ो की वादियों में घूमने के लिए बाहरी राज्यो से आ रहें पर्यटकों के जहन में अच्छी छवि नहीं जा रही है। कूड़े के ढेर में तब्दील हल्द्वानी शहर में अब कोविड के साथ ही महामारी का भय होने लगा है। अभी भी नगर निगम मेयर और शहरी विकास मंत्री द्वारा इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि यह जनाब तो अपने आलीशान मकानों में कूड़े के ढेर से दूर हैं।

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शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत और उनके आज्ञाकारी शिष्य हल्द्वानी मेयर जोगेंद्र रौतेला सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को खोलने में नाकाम साबित हुए हैं। बीते दिनों पहले अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के सफाई कर्मचारियों ने शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत की आवास का घेराव करना चाहा तो बंशीधर भगत पहले ही अपने घर से खिसक गए थे।क्योंकि उनके पास सफाई कर्मचारियों के 11 सूत्रीय मांगों का कोई जवाब नहीं था, वहीं उनके शिष्य हल्द्वानी में अभी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को अभी तक नहीं खुलवा पाए हैं। जिसके चलते हल्द्वानी शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ऐसे में संक्रामक रोग फैलने का डर बना हुआ है, क्योंकि बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में लगातार नगर निगम और अन्य प्रशासन को दिक्कतें हो रही हैं, सीधे प्रशासन अपने निजी प्रयासों से सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था कर रहा है।

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शहर में सफाई व्यवस्था को सुचारू करने के लिए, सिस्टम के तहत काम को अंजाम देना जरूरी है। लेकिन शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत और उनके शिष्य हल्द्वानी मेयर जोगेन्द्र रौतेला देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के सफाई कर्मचारी को कोई ठोस आश्वासन अभी तक नहीं दे सकें है। जिसके चलते शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है.नए वार्डों मे जो नए कर्मचारी रखे जा रहे हैं वो सत्ताधारी पार्टी से जुड़े है

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पहले निगम में कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी नही किया जाना भी मांगों में शामिल है ताज्जुब की बात ये है आंदोलन रत कर्मचारी संगठनों से अभी तक सत्ताधारी पार्टी के ज़िम्मेदार लीडर या फिर प्रशासनिक स्तर के अधिकारी ने संजीदगी के साथ बैठक कर मामले को समझने या सुलझाने की कोशिश करना तक मुनासिब नही समझा ,एक नज़र में पूरा मामला सियासत से प्रेरित लगता है लगातार बढ़ते जा रहे इस आंदोलन से शहरी विकास मंत्रालय पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है.

इन हालातों में आज हर किसी के मन में ये ही एक बात है अगर मैडम ( स्व. डॉ इंद्रा ह्रदयेश ) होतीं तो ये नौबत ही ना आती , तस्वीरें सब बयां कर रही हैं.

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