हल्द्वानी : इस विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर, कनेक्शन घोटाला.. नपेंगे ये सभी अधिकारी.. महकमें में मचा हड़कंप..

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उत्तराखंड के हल्द्वानी में भ्र्ष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है उत्तराखंड ऊर्जा निगम में ‘कनेक्शन’ घोटाला उजागर हुआ है। मुख्यालय स्तर पर हुई जांच में तीन एसडीओ समेत छह अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनके विरुद्ध चार्जशीट (आरोप पत्र) जारी होने से महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

30 से ज़्यादा उपभोक्ताओं पर था 60 लाख से भी अधिक का बकाया

दरअसल, पूरा मामला विद्युत वितरण खंड हल्द्वानी शहरी क्षेत्र से जुड़ा है। बनभूलपुरा में बिजली के बिलों का बकाया जमा नहीं करने पर ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने तीन से चार साल पहले 30 से अधिक उपभोक्ताओं के घरेलू व व्यवसायिक कनेक्शन काट दिए थे। इन पर 60 लाख से अधिक बकाया होने की बात बताई जा रही है।

अधिकारियों ने बकाएदारों पर की मेहरबानी

तत्कालीन एसडीओ और अवर अभियंताओं ने बकायेदारों पर मेहरबानी शुरू कर दी। अधिशासी अभियंता की नाक के नीचे उपभोक्ताओं से साठगांठ हुर्ई। इसके बाद बकायेदार उपभोक्ताओं को गुपचुप तरीके से नए कनेक्शन दे दिए थे। अधिकारियों के मिलीभगत की शिकायत विभाग में पहले कार्य कर चुके युवक ने मुख्यालय स्तर पर की।

नियमों को दरकिनार कर दिए नए कनेक्शन

मामले में सूचना के अधिकार के तहत भी जानकारी मांगी गई। इस दौरान साफ हो गया कि जिन लोगों के कनेक्शन काटे गए थे। उन्हें नियमों को दरकिनार कर नए कनेक्शन दे दिए गए है। मुख्यालय स्तर से गोपनीय जांच के बाद आरोप सही पाए गए है। जिसके बाद विद्युत वितरण खंड के तीन एसडीओ व तीन अवर अभियंता (जेई) के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है।

इन अधिकारियों के विरुद्ध जारी हुई चार्जशीट

एसडीओ मोहन दास, केके पंत, शशिकांत तथा अवर अभियंता विनोद पाठक, विनोद शाह व नवीन पंत। मौजूदा समय में एसडीओ केके पंत व शशिकांत का हल्द्वानी डिवीजन से तबादला हो चुका है। एसडीओ मोहन दास विद्युत वितरण खंड शहरी क्षेत्र में कार्यरत हैं।

बकायेदारों को कनेक्शन देने का ये है नियम

  • बकायेदार उपभोक्ता को नया कनेक्शन देना ऊर्जा निगम के नियमों का कड़ा उल्लंघन है।
  • नया कनेक्शन देने से पहले बकायेदार का पुराना बिलो का हिसाब फाइनल होना चाहिए।
  • बकायेदार को कनेक्शन अवर अभियंता व एसडीओ की रिपोर्ट के आधार पर मिलता है।
  • बकायेदार को कनेक्शन देने से राजस्व का भारी नुकसान सीधे सरकार को झेलना पड़ता है।

नौकरी पर संकट के बादल

चार्जशीट जारी होने के बाद मामला न्यायालय में पहुंच जाता है। जहां विभाग को अपना पक्ष रखना होगा। गंभीर मामलो में चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 90 दिन तक होती है। चार्जशीट जारी होने के बाद एसडीओ व अवर अभियंताओं की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

अधिशासी अभियंता बीएम भट्ट ने की पुष्टि

अधिशासी अभियंता बीएम भट्ट ने बताया कि बिलों का बकाया जमा नहीं करने के बावजूद नया कनेक्शन देने का मामला सामने आया है। मुख्यालय स्तर से तीन एसडीओ व तीन अवर अभियंता को चार्जशीट जारी हुई है।

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