मिसाल : दिव्यांग बालिका की परवरिश के लिए आगे आए डीएम रयाल

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नैनीताल।
भवाली के निगलाट क्षेत्र की एक दिव्यांग मूकबधिर बालिका के शिक्षात्मक और सामाजिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने सराहनीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। परिजनों द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर बालिका की शिक्षा और दैनिक देखभाल के लिए सीमित संरक्षक (Limited Guardian) नियुक्त करने की मांग की गई थी, जिस पर डीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की।

दिव्यांग बालिका को मिला भरोसेमंद सीमित संरक्षक

जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बालिका के लिए इंदौर की मनीषा चौधरी को सीमित संरक्षक नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि बालिका पहले भी मनीषा चौधरी के साथ रहकर अपनी शिक्षा प्राप्त करती रही है, जिसके चलते परिजनों ने अदालत में अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया था।
यह सीमित संरक्षक केवल बालिका की शिक्षा,चिकित्सा देखभाल,परवरिश,दैनिक संरक्षण,कौशल विकास,विशेष सहायता एवं प्रशिक्षण से जुड़े निर्णय लेने तक ही सीमित रहेगा। यह व्यवस्था बालिका के हितों की रक्षा करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।

संवेदनशील प्रशासन की मिसाल

डीएम ललित मोहन रयाल का यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक तत्परता का उदाहरण है।
बालिका के लिए सुरक्षा का कवच भी है, समाज के लिए भी संदेश है कि प्रशासनिक तंत्र में संवेदनशीलता आज भी जिंदा है।

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