गाजीपुर – मुख्तार अंसारी के जनाजे में उमड़ी हजारों की भीड़ देखकर पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। प्रशासन ने भीड़ को रोकना चाहा, कि वह कालीबाग के कब्रिस्तान स्थल पर ना पहुंचने पाए, लेकिन भीड़ न सिर्फ कब्रिस्तान पहुंच गयी।
मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी की डीएम गाजीपुर के साथ तीखी बहस का वीडियो सामने आया है। डीएम गाजीपुर ने धारा 144 का हवाला देते हुए कहा कि मिट्टी देने केवल परिवार के लोग जाएं, पूरा कस्बा नहीं जाएगा। अगर धारा 144 का उल्लंघन हुआ तो सबके खिलाफ एफआईआर करेंगे।
अफजाल अंसारी वीडियो में बोलते हुए दिख रहे हैं कि किसी के जनाजे में जाने और मिट्टी देने के लिए किसी की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। जितने लोग चाहे मिट्टी से सकते हैं। डीएम ने कहा कि वो जिला निर्वाचन अधिकारी हैं और नियम तोड़ने वालों पर एफआईआर कराएंगी। ये वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
मुख्तार अंसारी के जनाजे में भारी संख्या में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शनिवार की सुबह से लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया था। धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढ़ती गई। उधर, मूछों से पहचाने जाने वाले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे ने अंतिम विदाई से पहले पिता की मूछों पर ताव दिया।
बांदा मेडिकल कॉलेज से एंबुलेंस से उसके शव को शुक्रवार को दाेपहर बाद करीब 4:43 बजे गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम और एंबुलेंस सहित 21 गाड़ियों के साथ बांदा से गाजीपुर की दूरी करीब 8.32 घंटे में तय हुई। मुख्तार अंसारी की मौत गुरुवार की रात बांदा मेडिकल कॉलेज में हार्टअटैक से हुई थी।
शुक्रवार को पोस्टमार्टम हुआ, फिर शव परिजनों के सुपुर्द करके करीब 4.43 बजे एंबुलेंस से गाजीपुर के लिए भेजा गया था। शव वाहन बांदा से फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज और भदोही होते हुए रात करीब 10.32 बजे वाराणसी पहुंचा, फिर गाजीपुर रवाना हो गया। मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी और बड़ी बहू निकहत अंसारी बांदा से शव वाहन के साथ आए।
मुख्तार अंसारी के जनाजे में भीड़ बेकाबू हो गई। कब्र पर मिट्टी डालने के लिए लोग बेताब दिखे। मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी और विधायक शोहेल अंसारी भी बार-बार लोगों से अपील कर चुके थे, लेकिन कोई जाने को तैयार नहीं था।
मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया। इस दौरान भीड़ बेकाबू होने पर पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मुख्तार के कब्र पर मिट्टी डालने के लिए लोग बेताब दिखे। परिवार वालों के समझाने पर भी युवाओं ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी थी।
मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान मुख्तार को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों में हर कोई मुख्तार को मिट्टी देना चाहता था जबकि प्रशासन की कोशिश सिर्फ परिवारीजनों को कब्रिस्तान के अंदर जाने देने की थी।
मुख्तार के अंतिम दर्शन के लिए रात भर लोग आते रहे। सुबह तक घर पर हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी के इंतजाम कर रखे थे। भीड़ को संभालने के लिए डीएम, एसपी समेत जिले के सभी बड़े अधिकारी, पुलिस फोर्स और अद्धसैनिक बलों के जवान रात से ही मुस्तैद थे। प्रशासन ने मुख्तार के परिवारीजनों से बात कर यह तय किया था कि कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया के दौरान सिर्फ परिवार के लोग और घनिष्ठ रिश्तेदार ही रहेंगे लेकिन मुख्तार के जनाजे में इतनी बड़ी संख्या में लोग जुटे कि सारी व्यवस्थाएं फेल होती नज़र आई। कई लोग कब्रिस्तान पर जनाजे के साथ घेरा तोड़कर पहुच गए। भीड़ को संभालना मुश्किल होने लगा तो पुलिस ने थोड़ा बल प्रयोग भी किया। इस दौरान सांसद अफजाल अंसारी भी पुलिस और प्रशासन के साथ भीड़ से व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते दिख रहे थे।
इस दौरान कुछ समर्थकों को मिट्टी देने से रोके जाने पर मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी से डीएम की तीखी नोंकझोंक भी हो गई। अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि ये आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे। इस पर डीएम ने कहा कि मैं जिलाधिकारी हूं। आपने परमिशन नहीं ली है। हम विधिक कार्रवाई करेंगे।
इन सबके बीच बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान से बाहर भी आ गए लेकिन मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद कुछ समर्थकों ने उन्हें मिट्टी देने की इच्छा जताई। तब अफजाल के कहने पर पुलिस ने 10-10, 20-20 करके कुछ लोगों को मिट्टी देने के लिए जाने दिया लेकिन भीड़ जब बढ़ने लगी और लगा कि मिट्टी देने वालों की संख्या बहुत अधिक होती जा रही है तो पुलिस ने रोक दिया। इस बीच अफजाल और डीएम के बीच ये तीखी नोंकझोंक हुई। हालांकि बाद में प्रशासन ने कुछ लोगों को जाने दिया और अफजाल अंसारी और परिवारीजनों की अपील पर काफी लोग लौट। इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई।
इस पर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि आप कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए अपने धार्मिक प्रायोजन के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं। दुनिया में कहीं इसके लिए परमिशन नहीं ली जाती। इस पर डीएम ने अफजाल अंसारी को यह भी याद दिलाया कि गाजीपुर में धारा-144 लागू की गई है। तब सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि धारा-144 में भी अंतिम संस्कार के लिए परमिशन नहीं लेनी होती है।
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