धामी कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसलों पर मुहर, नई आबकारी नीति को मंजूरी..

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उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति-2025 को मंजूरी दी, शराब ठेकों पर सख्त प्रतिबंध और धार्मिक स्थलों के आसपास दुकानें बंद

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति-2025 को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत शराब ठेकों और दुकानों को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं। धार्मिक स्थलों, स्कूलों और मंदिरों के आसपास निश्चित दूरी में शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकेंगी। साथ ही, उप-दुकानों (सब शॉप्स) की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

नई आबकारी नीति-2025 के मुख्य बिंदु :

  1. धार्मिक स्थलों के आसपास प्रतिबंध:

मद्यनिषेध क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों के निकट शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

उप-दुकानों की समाप्ति:

    • नई नीति में उप-दुकानों (सब शॉप्स) की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है।

    मैट्रो मदिरा बिक्री पर रोक:

      राज्य में मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

      ओवररेटिंग पर सख्त कार्रवाई:

        शराब की दुकानों द्वारा ओवररेटिंग की शिकायत मिलने पर लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान किया गया है।

        डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर MRP अनिवार्य:

          डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर ही शराब बेचना अनिवार्य होगा।

          राजस्व लक्ष्य:

            वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

            स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता:

              शराब व्यवसाय में उत्तराखंड के मूल और स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

              पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहन:

                पर्वतीय क्षेत्रों में फलों से वाइन बनाने वाली इकाइयों को 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क से छूट दी गई है।

                मदिरा के दुष्प्रभावों और ‘जिम्मेदार मदिरा सेवन’ के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

                मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गई है।

                शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में बड़े फैसले:

                कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग के तहत कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को लोक संस्कृति और राज्य आंदोलन की कहानी पढ़ाने का निर्णय लिया गया।

                10वीं के बाद पॉलिटेक्निक करने वाले छात्रों को अब प्लस टू (12वीं) के समकक्ष माना जाएगा।

                महिलाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ शुरू की गई, जिसमें उन्हें लोन सब्सिडी मिलेगी।

                ट्राउट मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई।


                शिक्षा विभाग में सीएम के निर्देश लोक संस्कृति और राज्य आंदोलन की कहानी कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाया जाएगा

                शिक्षा विभाग के तहत 10 क्लास के बाद पॉलिटेक्निक करने को अब प्लस 12 के सैंपल समकक्ष माना

                चीनी मिलो के तहत मूल्य घोषित हुआ

                अगेती के लिए 375 और समान्य के लिए 365 रखा गया हैं

                वरिष्ठ अधीक्षक कारागार की नियमावली बनाई गई

                कार्मिक विभाग अहकारी सेवा सिथिलिकारण का सभी कर्मचारियो को मिलेगा लाभ

                मुख्य व्यवस्था अधिकारी राज्य सम्पत्ति की नियमावली बनाई गई

                उत्तराखंड में UPS पेंशन स्कीम को मिली मंजूरी कर्मचारियों को चुनने का होगा अधिकार

                महिलाओ को मिलेगी लोन सब्सिडी, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना

                मिनिस्टटियाल सेवा में 13 कनिष्ठ सहायक के पद का हुआ सृजन

                240 पद स्टाम्प और निबंधक विभाग में 29 नए पद बनाये गए

                अपर पुलिस अधीक्षक के वेतनमान को लेकर नियमावली को मंजूरी

                ट्रॉउट मछली को बढ़ावा देने के लिए योजना 200 करोड़ की राशि हुई मंजूर

                सतर्कता विभाग में रीवालविंग फंड के उपयोग को लेकर नियमावली

                पराग फार्म की भूमि सिडकुल को देने को मंजूरी

                गोला, कोसी, दबका नदी में सुरक्षा और सीमांकन के लिए जो शुल्क दिया जाता हैं उसे सशोधित किया गया हैं

                आबकारी नीति की मंजूरी, उप दुकाने नहीं खोली जाने को लेकर हुआ फैसला, साथ ही उत्तराखंड के स्कूल मंदिर के आसपास निश्चित दूरी में नहीं खोली जा सकेगी दुकान

                शिक्षा विभाग में सीएम के निर्देश लोक संस्कृति और राज्य आंदोलन की कहानी कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाया जाएगा

                शिक्षा विभाग के तहत 10 क्लास के बाद पॉलिटेक्निक करने को अब प्लस 12 के सैंपल समकक्ष माना

                चीनी मिलो के तहत मूल्य घोषित हुआ

                अगेती के लिए 375 और समान्य के लिए 365 रखा गया हैं

                वरिष्ठ अधीक्षक कारागार की नियमावली बनाई गई

                कार्मिक विभाग अहकारी सेवा सिथिलिकारण का सभी कर्मचारियो को मिलेगा लाभ

                मुख्य व्यवस्था अधिकारी राज्य सम्पत्ति की नियमावली बनाई गई

                उत्तराखंड में UPS पेंशन स्कीम को मिली मंजूरी कर्मचारियों को चुनने का होगा अधिकार

                महिलाओ को मिलेगी लोन सब्सिडी, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना

                मिनिस्टटियाल सेवा में 13 कनिष्ठ सहायक के पद का हुआ सृजन

                240 पद स्टाम्प और निबंधक विभाग में 29 नए पद बनाये गए

                अपर पुलिस अधीक्षक के वेतनमान को लेकर नियमावली को मंजूरी

                ट्रॉउट मछली को बढ़ावा देने के लिए योजना 200 करोड़ की राशि हुई मंजूर

                सतर्कता विभाग में रीवालविंग फंड के उपयोग को लेकर नियमावली

                पराग फार्म की भूमि सिडकुल को देने को मंजूरी

                गोला, कोसी, दबका नदी में सुरक्षा और सीमांकन के लिए जो शुल्क दिया जाता हैं उसे सशोधित किया गया हैं

                आबकारी नीति की मंजूरी, उप दुकाने नहीं खोली जाने को लेकर हुआ फैसला, साथ ही उत्तराखंड के स्कूल मंदिर के आसपास निश्चित दूरी में नहीं खोली जा सकेगी दुकान

                देहरादून उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है वर्ष 2025 26 में नई आबकारी नीति में उप ठेका न खोलने का प्रावधान किया गया है। धार्मिक स्थलों से एक निश्चित दूरी के आधार पर ही शराब ठेके खुल सकेंगे जबकि जिन स्थानों पर पूर्व में प्रतिबंध लागू था उसे पर प्रतिबंध पर कार रहेगा सचिव कार्मिक गृह शैलेश बगौली ने कहा है की आबकारी नीति में और अधिक जानकारी के लिए अलग से प्रेस नोट किया जाएगा

                निवेश की ओर रोजगार के अवसर राजस्व के नए आयाम)

                उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय संविधान की मद्यनिषेध भावना का सम्मान करते हुए तथा न्यूनतम मदिरा उपभोग से अधिकतम राजस्व अर्जित करने के उद्देश्य से नई आबकारी नीति-2025 लागू की गई है। पिछले दो सालों में आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसी उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए विभाग द्वारा कड़ी मेहनत कर वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु एक विशाल ऐतिहासिक वि वृद्धि के साथ 5060 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में मदिरा संबंधी व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना सुनिश्चित किया गया है।

                आबकारी नीति तैयार करने से पूर्व विभाग द्वारा मा० मंत्रीगण उत्तराखंड सरकार व मा० नेता प्रतिपक्ष से लिखित में सुझाव आमंत्रित किए गए थे।

                निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आबकारी नीति-2025 की प्रमुख विशेषताएँ प्रस्तुत हैं-

                1. मद्यनिषेध क्षेत्र में प्रतिबंध
                • जनसंवेदनाओं को राजस्वहित से सर्वोपरि रखते हुए एवं धार्मिक क्षेत्रों की पूरे विश्व में विशेष महत्ता के दृष्टिगत मद्य निषेध क्षेत्र एवं उसके निकटवर्ती संचालित मदिरा की बिक्री करने वाले अनुज्ञापनों को बंद किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
                1. उप-दुकान की व्यवस्था का समापन
                • आबकारी नीति-2025 में वित्तीय वर्ष में वर्तमान संचालित उप दुकानों / Sub Shops की व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
                1. मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था का समापन
                • नई नीति में राज्य में संचालित मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है, जिससे व्यवसाय पारदर्शी रहे एवं उपभोक्ताओं को नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित सेवाएँ उपलब्ध हो सकें।
                1. ओवररेटिंग पर लाइसेंस निरस्त का प्रावधान
                • सरकार ने ओवररेटिंग की शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए मदिरा दुकानों के लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है। इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अनियमित वसूली पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।
                1. डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी लागू होगी MRP
                • वर्ष 2013 में लागू की गई डिपार्टमेंटल स्टोर नियमावली के अंतर्गत इन प्रतिष्ठानों को मनमाने दाम वसूलने की लगभग असीम छूट प्राप्त थी। वर्तमान सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, ओवररेटिंग की शिकायत पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान भी लागू किया गया है, जिससे उपभोक्ता शोषण पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

                . राजस्व लक्ष्य एवं उपलब्धियों

                • वित्तीय वर्ष 2023-24 में निर्धारित 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 4038.69 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व अर्जित किया गया।
                • वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष वर्तमान तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

                आबकारी नीति को मंजूरी, ये हुए प्रावधान

                देहरादून उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है वर्ष 2025 26 में नई आबकारी नीति में उप ठेका न खोलने का प्रावधान किया गया है। धार्मिक स्थलों से एक निश्चित दूरी के आधार पर ही शराब ठेके खुल सकेंगे जबकि जिन स्थानों पर पूर्व में प्रतिबंध लागू था उसे पर प्रतिबंध पर कार रहेगा सचिव कार्मिक गृह शैलेश बगौली ने कहा है की आबकारी नीति में और अधिक जानकारी के लिए अलग से प्रेस नोट किया जाएगा

                निवेश की ओर रोजगार के अवसर राजस्व के नए आयाम)

                उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय संविधान की मद्यनिषेध भावना का सम्मान करते हुए तथा न्यूनतम मदिरा उपभोग से अधिकतम राजस्व अर्जित करने के उद्देश्य से नई आबकारी नीति-2025 लागू की गई है। पिछले दो सालों में आबकारी राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसी उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए विभाग द्वारा कड़ी मेहनत कर वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु एक विशाल ऐतिहासिक वि वृद्धि के साथ 5060 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में मदिरा संबंधी व्यवसाय को नियंत्रित, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना सुनिश्चित किया गया है।

                आबकारी नीति तैयार करने से पूर्व विभाग द्वारा मा० मंत्रीगण उत्तराखंड सरकार व मा० नेता प्रतिपक्ष से लिखित में सुझाव आमंत्रित किए गए थे।

                निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आबकारी नीति-2025 की प्रमुख विशेषताएँ प्रस्तुत हैं-

                1. मद्यनिषेध क्षेत्र में प्रतिबंध
                • जनसंवेदनाओं को राजस्वहित से सर्वोपरि रखते हुए एवं धार्मिक क्षेत्रों की पूरे विश्व में विशेष महत्ता के दृष्टिगत मद्य निषेध क्षेत्र एवं उसके निकटवर्ती संचालित मदिरा की बिक्री करने वाले अनुज्ञापनों को बंद किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
                1. उप-दुकान की व्यवस्था का समापन
                • आबकारी नीति-2025 में वित्तीय वर्ष में वर्तमान संचालित उप दुकानों / Sub Shops की व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
                1. मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था का समापन
                • नई नीति में राज्य में संचालित मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है, जिससे व्यवसाय पारदर्शी रहे एवं उपभोक्ताओं को नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित सेवाएँ उपलब्ध हो सकें।
                1. ओवररेटिंग पर लाइसेंस निरस्त का प्रावधान
                • सरकार ने ओवररेटिंग की शिकायत पर सख्त कार्रवाई करते हुए मदिरा दुकानों के लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है। इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अनियमित वसूली पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।
                1. डिपार्टमेंटल स्टोर पर भी लागू होगी MRP
                • वर्ष 2013 में लागू की गई डिपार्टमेंटल स्टोर नियमावली के अंतर्गत इन प्रतिष्ठानों को मनमाने दाम वसूलने की लगभग असीम छूट प्राप्त थी। वर्तमान सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, ओवररेटिंग की शिकायत पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान भी लागू किया गया है, जिससे उपभोक्ता शोषण पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
                1. राजस्व लक्ष्य एवं उपलब्धियों
                • वित्तीय वर्ष 2023-24 में निर्धारित 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 4038.69 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व अर्जित किया गया।
                • वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष वर्तमान तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

                आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा 5060 करोड रुपये का आबकारी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे प्राप्त करने हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत रहेगा।

                1. द्विवर्षीय वित्तीय अवधि हेतु व्यवस्था
                • शराब व्यवसाय से जुड़े उत्तराखण्ड मूल एवं स्थायी निवासियों के विगत वर्षों में आर्थिक हानि के दृष्टिगत प्रस्तावित आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 में आगामी दो वित्तीय वर्ष (2025-26 एवं 2026-27) के लिए मदिरा दुकानों के व्यवस्थापन हेतु नवीनीकरण का प्रावधान सम्मिलित है।
                1. प्रदेशवासियों को प्राथमिकता
                • मदिरा व्यवसाय में प्रदेश के मूल एवं स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे राज्य के नागरिकों को स्वरोजगार एवं आर्थिक संबल प्राप्त हो सके।
                1. दुकान आवंटन की प्रक्रिया
                • उत्तराखण्ड आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 के अंतर्गत मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण उपरांत लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक तथा अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं द्वारा किया जाएगा।
                • मदिरा दुकानों के आवंटन की समस्त व्यवस्था पूर्व वर्ष के समान ही रहेगी।
                1. पर्वतीय अंचल में वाईनरी को प्रोत्साहन
                • पहले पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों एवं बागवानों को अपनी उपज के लिए उपयुक्त बाज़ार न मिलने से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। अब, राज्य में उत्पादित फलों से वाइन तैयार करने वाली इकाइयों (वाइनरी) को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क इत्यादि से मुक्त रखने का प्रावधान किया गया है। यह कदम न केवल कृषि एवं बागवानी को मज़बूती देगा, बल्कि किसानों को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करेगा।
                1. निवेश हेतु निर्यात शुल्क में रियायत
                • राज्य में मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु निर्यात शुल्क (एक्सपोर्ट ड्यूटी) में कटौती की गई है, जिससे नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना सम्भव हो एवं प्रदेश में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों के साथ राजस्व में वृद्धि हासिल हो।
                1. पर्वतीय अंचल में उद्योग संवर्धन
                • माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय अंचलों में आसानी से स्थापित करने हेतु विशेष सुविधाओं एवं अनुकूल प्रावधानों को शामिल किया गया है।
                1. थोक मदिरा अनुज्ञापन में राज्य निवासियों को लाभ
                • विगत वर्ष की भाँति मदिरा निर्माता कंपनियों के स्थान पर उत्तराखण्ड राज्य के मूल एवं स्थायी निवासियों को थोक मदिरा अनुज्ञापन जारी किए जाने की व्यवस्था जारी रहेगी।
                1. आसवनी इकाई एवं स्थानीय कृषि उत्पाद
                • प्रदेश में स्थापित आसवनी इकाइयों (डिस्टिलरी) को स्थानीय कृषि एवं बागवानी उत्पादों का प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसानों को सीधा लाभ प्राप्त हो एवं उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।
                1. जागरूकता एवं ज़िम्मेदार मदिरा सेवन
                • आबकारी नीति-2025 में मदिरा के दुष्प्रभावों एवं ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग’ के प्रति जनसाधारण को जागरूक बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का प्रावधान किया गया है, जिससे समाज में अनुशासित मदिरा सेवन के प्रति संवेदीकरण हो
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