RTI से बड़ा खुलासा – सड़कों पर नहीं दिखने वाले नैनीताल पुलिस के 8 घोड़ों पर करोड़ों ख़र्च

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उत्तराखण्ड में नैनीताल जिला पुलिस के पास आठ घोड़े(अश्व)हैं जिनके रखरखाव के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। सूचना के अधिकार में घोड़ों के भोजन, उम्र, लिंग, रखरखाव और सरकार से प्राप्त धनराशि दी गई है।


सूचना के अधिकार के अंतर्गत हल्द्वानी निवासी हेमंत गौनिया ने बीती एक जून को नैनीताल एस.एस.पी.कार्यालय को पत्र लिखकर जिले में पुलिस के पास मौजूद घोड़ों पर कुछ सूचनाएं मांगी थी। सूचना देते हुए प्रभारी घुड़सवार पुलिस की तरफ से बताया गया कि उनके पास वर्तमान में आठ घोड़े उपलब्ध हैं जिनके नाम, लिंग और उम्र निम्न है।

  1. अगरजीत – घोडा – 24 वर्ष
  2. रानी – घोडी – 23 वर्ष
  3. फ्योली – घोड़ी – 23 वर्ष
  4. नीलम – घोड़ी – 12 वर्ष
  5. रूबी – घोड़ी – 11 वर्ष
  6. चंचल – घोड़ी – 12 वर्ष
  7. आकाश – घोड़ा – 12 वर्ष और
  8. अलमस्त – घोड़ा – 12 वर्ष

सूचना में जानकारी दी गई कि 16 दिसंबर 2016 को घुड़सवार पुलिस की घोड़ा शाखा स्थापित हुई। नियमानुसार घोड़े को नाश्ते में चना दाल, जौ दला, चोकर गेंहू, नमक और हरी घांस खिलाई जाती है। लंच के दौरान दला चना, दला जौ, चोकर गेहूं, जइ दली, नमक आदि दिया जाता है जबकि रात को चना दाल, जौ दला, चोकर गेंहू, नमक, तेल अलसी और सूखी घास दी जाती है। घोड़ों को गर्मी से राहत देने के लिए सीलिंग फैन और कूलर लगाए गए हैं जबकि जाड़ों में चोगा(झूल)और पर्दों की व्यवस्था की जाती है।


पुलिस कार्यालय से बीती सात जून को मिली जानकारी के अनुसार इन घोड़ों के रखरखाव और देखरेख में वर्ष 2016-17 से अबतक कुल ₹68,72,156/=(अड़सठ लाख बहत्तर हजार एक सौ छप्पन रुपये)खर्च हुए हैं। इसी क्रम में वर्ष 2016 से 2023 तक शासन से कुल ₹1,16,08,873 की धनराशि प्राप्त हुई जबकि घोड़ों की देखरेख और रखरखाव में कुल ₹1,03,07,933 खर्च हो गए और ₹13,00,940 बांकी हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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