उत्तराखंड : केंद्र सरकार ने भू धंसाव से ग्रस्त जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिए 1658.17 करोड़ की योजना को हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी। राज्य सरकार को योजना की स्वीकृति का इंतजार था।
उत्तराखंड का जोशीमठ नगर धंसना शुरू हुआ था तो देशदुनिया में इस खबर ने तहलका मचा दिया था। तमाम भू वैज्ञानिक जोशीमठ में जुटे और आज तक जोशीमठ शहर में शोध चल रहा है। इस भीषण आपदा से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की रिकरवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन (R&R) योजना को मंजूरी दी है।
अब इस योजना के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) की रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन विंडो से 1079.96 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से 126.41 करोड़ रुपये और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये प्रदान करेगी, जिसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड रुपए की योजना को मंजूर किए जाने पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं गृहमंत्री श्री अमित शाह जी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का आभार जताया है।
केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि गृहमंत्री की अध्यक्षता में बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड रुपए की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी है भट्ट ने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष एनडीआरएफ की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से 1069.96 करोड़ केंद्रीय सहायता दी जाएगी। जबकि राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोर्स एसडीआरएफ से 126 करोड रुपए और राज्य के बजट से 451.80 करोड रुपए देगी तथा इसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है भट्ट ने इस मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है।
तीन साल के लिए योजना
उत्तराखंड का जोशीमठ भूस्खलन और जमीन धंसने से प्रभावित हुआ। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को सभी आवश्यक तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और एनडीएमए के मार्गदर्शन में सभी तकनीकी एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई कर जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना तैयार करने में राज्य सरकार की मदद की है। जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को बैस्ट प्रैक्टिसिस, बिल्ड बैक बेटर (BBB) सिद्धांतों और सस्टेनेबीलिटी इनिशिएटिवस का पालन करते हुए तीन वर्षों में लागू किया जाएगा। इसके बाद जोशीमठ पारिस्थितिक स्थिरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरेगा।
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