रंगे हाथों पकड़ा गया रिश्वतखोर अधिकारी सुबोध शुक्ला, विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई

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जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय, बागेश्वर में तैनात अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल सुबोध शुक्ला को रु. 50,000/- की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सतर्कता अधिष्ठान, सैक्टर हल्द्वानी द्वारा गुप्त जाँच और सुनियोजित ट्रैप ऑपरेशन के तहत की गई।

एक सेवानिवृत्त सैनिक, जो वर्तमान में उपनल (उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से सैनिक कल्याण विभाग में अनुबंध के आधार पर कार्यरत है, ने सतर्कता अधिष्ठान की टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उनका अनुबंध 11 माह का होता है, और इस बार अनुबंध अवधि बढ़ाने के एवज में सैनिक कल्याण अधिकारी सुबोध शुक्ला द्वारा 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से साफ इनकार करते हुए संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की।

सतर्कता अधिष्ठान द्वारा की गई गोपनीय जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सत्य पाई गई। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष ट्रैप टीम का गठन किया गया। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करते हुए 24 मई 2025 को जिला सैनिक कल्याण कार्यालय बागेश्वर में स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में सुबोध शुक्ला को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल सुबोध शुक्ला मूलतः ग्राम रामपुर, पोस्ट बिरसिंघपुर, पाली, बांधीगढ़, जिला उमरिया, मध्य प्रदेश के निवासी हैं। वह वर्तमान में बागेश्वर जनपद में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।

गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त से गहन पूछताछ की जा रही है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के तहत अभियोग पंजीकृत कर विधिवत जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

इस सफल कार्रवाई के लिए निदेशक सतर्कता, डॉ. वी. मुरूगेसन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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