BREAKING NEWS : (उत्तराखंड) मुसलाधार बारिश से नदियां उफान पर 157 फुट लंबा पुल काली नदी में समाया 44 गांवों का सम्पर्क कटा ..

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पिथौरागढ़ जिले के सीमांत धारचूला में हुई मूसलाधार बारिश से नदी, नाले उफान पर हैं। इससे धारचूला-लिपुलेख मोटर मार्ग पर कुलागाड़ में बना आरसीसी पुल बह गया। पुल बहने से धारचूला की दारमा, व्यास, चौंदास घाटी का संपर्क कट गया। इस कारण सीमांत के ग्रामीणों के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश और मलबा आने से चीन सीमा को जोड़ने वाली चार सड़कों समेत जिले की 19 सड़कें बंद हो गई हैं।
धारचूला में 32.5 मिमी और मुनस्यारी में 11 मिमी बारिश हुई। भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। बुधवार रात धारचूला से 10 किमी दूर स्थित रांथी के कुलागाड़ में वर्ष 1999 में बना 157 फुट लंबा आरसीसी का पुल बह गया जिससे चौंदास के 14, व्यास के सात और दारमा के 30 गांवों का संपर्क कट गया है। लोगों का कहना है कि बारिश तो सामान्य थी लेकिन ऊपरी क्षेत्रों से आए मलबे का बहाव इतना अधिक था कि कुलागाड़ में बना पुल काली नदी में समा गया।


एनएचपीसी में लगे सीआईएसफ के जवानों ने ग्रिफ के जेई को इसकी सूचना दी। पुल बहने की सूचना के बाद बीआरओ के चीफ इंजीनियर और कमांडेंट ने मौका मुआयना किया। पुल बहने के बाद सड़क के दोनों और सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। फिलहाल पैदल आवाजाही के लिए ग्रिफ ने अस्थायी पुल बना दिया है। लोग अस्थायी पुल से आवाजाही कर वाहनों की अदला-बदली कर रहे हैं। लोगों ने बीआरओ से शीघ्र पुल का निर्माण की मांग की है।

सुरक्षा बलों के लिए रसद से लेकर गांवों में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति होगी प्रभावित
धारचूला-तवाघाट-लिपुलेख सड़क से ही भारत-चीन और भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के जवान आवागमन करते हैं। रसद की आपूर्ति भी इसी सड़क मार्ग से की जाती है। इस पुल के बहने से सुरक्षा एजेंसियों के जवानों का आवागमन भी बंद हो गया है। अब सुरक्षा एजेंसियों के जवानों और अधिकारियों को भी पुल निर्माण तक आवागमन के लिए पैदल ही लकड़ी के पुल से आवागमन करना पड़ेगा। सड़क बंद होने से सीमांत के गांवों में राशन, फल सब्जी सहित अन्य वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित रहेगी।

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