नैनीताल जिला सचिव माले डॉक्टर कैलाश पांडे ने लाल कुआं की नगीना कॉलोनी में रेलवे प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को बेहद शर्मनाक बताते हुए सरकार के खिलाफ हमला बोल दिया है उन्होंने कहा पहले वन खत्तों फिर नगीना कॉलोनी में बुलडोजर चलाना और अब रामनगर के वन गांवों पुछड़ी, कालूसिद्ध और नई बस्ती को उजाड़ने की घोषणाएं उत्तराखण्ड में गरीबों को बेघर करने की नई दास्तान लिख रही हैं।
उत्तराखंड राज्य की धामी सरकार का बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए दशकों से रह रहे गरीबों के घरों पर जिसमें अधिकांशतः गरीब, दलित, अल्पसंख्यक लोग हैं, बुलडोजर चलाना शर्मनाक है। यह सरकार जनता के वास आवास की सुरक्षा के प्रति अपनी जवाबदेही से मुंह चुरा रही है और संघ परिवार से जुड़े सभी संगठन इस तरह के सभी मामलों को पूरी तरह विभाजनकारी राजनीति का मोड़ देने में जुटे हैं।” यह बात भाकपा (माले) के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने प्रेस बयान जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि, “भाजपा की राज्य सरकार का उत्तराखण्ड में गरीबों, भूमिहीनों को उजाड़ना ही प्राथमिकता हो गया है। इससे सरकार की गरीब, दलित अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता को समझा जा सकता है। लेकिन जिस तेजी से गरीबों को उजाड़ने की कार्यवाही की जा रही है उतनी ही तत्परता से तमाम पीड़ित परिवारों को तत्काल पुनर्वास की भी गारंटी सरकार को करनी चाहिए। अन्यथा यह समझा जायेगा कि राज्य की भाजपा सरकार किसी न किसी बहाने से गरीबों को बेघर करने और उस भूमि को बड़े पूंजीपतियों के लिए सुरक्षित करने की पुरजोर कोशिश कर रही है।”
उन्होंने मांग की कि, “नगीना कॉलोनी के उजाड़े गए लोगों के लिए समुचित आवास और राहत की व्यवस्था की जाय और रामनगर के वन गांवों पुछड़ी, कालूसिद्ध और नई बस्ती को उजाड़ने से पहले पूर्ण पुनर्वास की व्यवस्था की जाय।”
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