बड़ी खबर : जस्टिस नथालापति वेंकट रमना होंगे देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश.. जस्टिस एस ए बोबड़े ने सरकार को भेजी सिफारिश..

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नई दिल्ली  जस्टिस नथालापति वेंकट रमना भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. वर्तमान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेज दी है. जस्टिस बोबड़े का कार्यकाल 23 अप्रैल तक है. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 24 अप्रैल को जस्टिस रमना शपथ लेंगे.

  आपको बता दें कि जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में कृष्ण ज़िले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. पहली बार 10 फरवरी 1983 को रमना वकील बने थे. उन्हें 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था.

27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के पोनावरम में जन्मे जस्टिस रमना अपने शांत और मृदुभाषी स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं. 2014 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी नियुक्ति से पहले वह दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. चीफ जस्टिस के तौर पर उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक होगा. इस तरह वह 16 महीने तक इस अहम पद पर रहेंगे.

पिछले कुछ सालों में जस्टिस रमना का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली के रहा है. चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी जस्टिस रमना सदस्य रह चुके हैं.

बताते चले कि आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी भेज कर आंध्र हाई कोर्ट में जस्टिस रमना के दखल की शिकायत की थी. अमरावती ज़मीन घोटाले में भी उनके परिवार के कुछ सदस्यों की भूमिका का आरोप लगाया जा रहा था. उनके नाम की सिफारिश से साफ है कि चीफ जस्टिस ने शिकायत को खारिज कर दिया है.

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