पत्रकार पर नहीं लोकतंत्र पर तमाचा मारा मित्र महिला पुलिस ने:जाने कहा का है मामला,देखे विडियो
मामला तारीख (12.11.20) उत्तराखंड के जिला नैनीताल की तहसील भीमताल का. है आपको बता दे की पत्रकार (रमेश राजपूत जो की विधान केसरी अख़बार के सम्पादक है और बरेली के रहने वाले है वह भीमताल अपने काम से आए थे उनका का कहना है की:
भीमताल में मार्किट के किनारे उन्होंने कार खड़ी कर रखी थी जिसमें वो और ड्राइविंग सीट पर ड्राइवर भी मौजंद था, ताकि अव्यवस्था होने पर गाड़ी को व्यवस्थित किया जा सके परंतु दो मिनट बाद सिपाही गीता जोशी गाली गलौज करती हुई आती है और कार हटाने के लिए बोलती हैं ड्राइवर कार हटाता है लेकिन एक पत्रकार होने के नाते गलत और अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाली गीता को चेतावनी दी परंतु वह चुप नहीं होती हैं विरोध करने के लिए उन्होंने अपने मोबाइल से वीडियो बनानी शुरू की ताकि वह विडियो वो अधिकारियों को दिखा सके इस सिपाही ने क्या हरकत की।
वीडियो बनाते ही उन्होंने पत्रकार को थप्पड़ मारा और इस वजह से उनका मोबाइल दूर जाकर गिरता है और वीडियो रुक जाती है. उसके बाद पत्रकार ने बताया की सिपाही ने मेरी कार में तोड़फोड़ करना चाही. परंतु मार्केट के लोगों ने रोक दिया उन्होंने चेतावनी भी दी कि मैं इस हरकत की शिकायत एसएसपी व डीआईजी से करूंगा परंतु गाली गलौज नहीं रुकती है तभी मार्केट के लोग व पत्रकार के साथ के लोग सिपाही को वहां से ले जाते हैं। इसके बाद उनका कहना है की उन्होंने थाना कोतवाली भीमताल में इंस्पेक्टर से बात की लेकिन इंस्पेक्टर ने किसी तरीके की कार्यवाही नहीं की और ना ही गीता को डांटा ।
इंस्पेक्टर ने उनसे कहा कि गीता पर मुकदमा लिखवा दीजिए. साथ ही पत्रकार का कहना है की उन्होंने गीता से कहा कि वह मुझ पर मुकदमा लिखवा दें पूरा बाजार मेरी तरफ से गवाही देने को तैयार था उसके बाद भी यह तरीका मुझे समझ में नहीं आया फिर मैंने एसएसपी को फोन किया एसएसपी ने उस समय मेरा फोन नहीं उठाया ।मैंने उस महिला कि शिकायत माननीय मंत्री रेखा आर्य जी के यहां भी की उन्होंने संज्ञान लिया और उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की का आश्वासन दिया ।
अब मैं शिकायती पत्र डीआईजी नैनीताल जोन व डीजीपी उत्तराखंड मुख्यमंत्री उत्तराखंड को दूंगा जिसमें मैंने मांग की है कि इस सिपाही गीता जोशी को तुरंत सस्पेंड किया जाए व इस पर कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि पत्रकार को पत्रकारिता करने से रोकना कानून अपराध है और साथ ही पत्रकार के पत्रकारिता करते समय उसका कैमरा या मोबाइल तोड़ना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है
साथ ही उन्होंने यह भी कहा: यदि मेरी कार गलत जगह पार्क हो रही थी तो मेरी कार का चालान काटना चाहिए था ना कि हाथापाई करनी चाहिए थी पूरे मार्केट में लगे सीसीटीवी कैमरे इस बात की गवाही देते हैं।
महिला की अभद्र भाषा पर सवाल खड़े करना पत्रकार का लोकतांत्रिक अधिकार है और लोकतंत्र ने हमें यह अधिकार दिया है ।गलत काम करने वालों का वीडियो बनाना या किसी गलत कार्य का स्टिंग ऑपरेशन करना। या सरकारी तंत्र की गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति के सवाल पूछना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता का अधिकार है ।इस अधिकार पर बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मैं उच्च अधिकारियों से शिकायत करूंगा।
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