एग्ज़िट पोल के बाद कांग्रेस का बड़ा कदम इनको बनाया ऑब्ज़र्वर,दून में दिग्गजों का डेरा..

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उत्तराखंड : राज्य में एग्जिट पोल के नतीजों ने बताया है कि कांग्रेस अबकी बार सत्ता में वापसी कर सकती है. एबीपी- सी वोटर के नतीजों में कांग्रेस बहुमत के करीब जाती दिख रही है. इसी बीच कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने ऑब्जर्वर को उत्तराखंड भेज दिया है. कांग्रेस के सीनियर नेता दीपेंद्र हुड्डा को उत्तराखंड भेजा गया है. 


एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस को 32 से 38 सीटें मिल सकती है और बीजेपी को 26 से 32 सीटें मिल सकती है. आप को 0 से 2 और अन्य को 3 से सात सीटें मिल सकती है.

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तोड़फोड़ को रोकने के लिए कांग्रेस की तैयारी
हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने उत्तराखंड चुनाव के लिए स्पेशल ऑब्जर्वर बनाया था. चुनाव के दौरान भी हुड्डा ने उत्तराखंड में कांग्रेस का जमकर प्रचार किया और संगठन के तौर पर भी कामकाज देखा. लेकिन अब एग्जिट पोल के नतीजों के ठीक बाद कांग्रेस ने एक बार फिर हुड्डा को उत्तराखंड के मोर्चे पर भेज दिया है. क्योंकि उत्तराखंड में मामला काफी कांटे का नजर आ रहा है, ऐसे में दल-बदल का सबसे ज्यादा खतरा कांग्रेस को है. पार्टी किसी भी हाल में ये नहीं चाहेगी कि बहुमत के करीब होने पर भी सत्ता उनके हाथ से जाए. इसीलिए अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 

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हुड्डा के अलावा चुनाव के दौरान सक्रिय रहे कुछ अन्य नेताओं के उत्तराखंड पहुंचने की संभावना है, जिससे वो आखिरी पलों में पार्टी में होने वाली संभावित टूट-फूट पर नजर रख सकें.  बताया गया है कि, ‘संभावित’ सरकार बनाने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए आ रहे कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के लिए यहां राजपुर रोड स्थित एक होटल में कमरे बुक कराए जा चुके हैं. 


बीजेपी ने भी की पूरी तैयारी 


चुनाव नतीजों से ठीक पहले बीजेपी के रणनीतिकार और सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय उत्तराखंड पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ नतीजों को लेकर चर्चा की. विजयवर्गीय की उत्तराखंड में मौजूदगी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि अगर चुनावी नतीजों में कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में से किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो निर्दलीय, बसपा, सपा, आप और उत्तराखंड क्रांति दल के ‘विधायकों’ की सरकार बनाने में भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी. 

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