आमना-सामना _तीन बाघ, चार वनकर्मी और एक पेड़ .. जरा सोचिए, क्या नज़ारा रहा होगा..Video

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उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने रोमांच, डर और बहादुरी – सब कुछ एक ही फ्रेम में कैद कर दिया। रामनगर वनप्रभाग के टेढ़ा क्षेत्र में गश्त पर निकले चार वनकर्मी अचानक एक बाघिन और उसके दो शावकों से आमने-सामने हो गए। और यकीन मानिए, ये कोई जंगल की कहानी नहीं, बल्कि रियल लाइफ थ्रिलर था , एकदम लाइव एक्शन!

अचानक हुआ ‘फेस-ऑफ’ – और फिर…

टेढ़ा कुलबंदा नाले के पास सब कुछ सामान्य था… जब तक कि अचानक झाड़ियों से निकलकर एक वयस्क बाघिन अपने दो शावकों के साथ सामने नहीं आ गई। वो नजारा कुछ ऐसा था जैसे जंगल ने अचानक ‘एंट्री विद स्टाइल’ मारी हो! बाघिन आक्रामक मूड में थी और वनकर्मी, बिना हथियार, बिना ढाल,सिर्फ अपनी सूझबूझ के भरोसे थे।

लेकिन सलाम है इन जांबाजों को! सेकंड्स में रिएक्ट किया, और पास के पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। वरना ये खबर कुछ और होती।

रेंज अधिकारी बोले “हम अलर्ट हैं!”

रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया, “ये घटना गश्त के दौरान हुई और हमारे वनकर्मियों ने बहुत तेजी से स्थिति को संभाला। अब हम गश्त और निगरानी दोनों बढ़ा रहे हैं ताकि ऐसी स्थिति फिर न बने।” उन्होंने ये भी बताया कि टेढ़ा इलाके में विशेष गश्त अभियान शुरू किया गया है और आसपास के गांवों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।

बाघ बढ़े, खतरा भी बढ़ा!

वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिंवाल ने इसे जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों की सफलता बताया। उनका कहना है कि “बाघों की बढ़ती संख्या अच्छी खबर है इसका मतलब है कि हमारा इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है। लेकिन इसके साथ मानव-वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ रहा है, जिससे निपटने के लिए सतर्कता ज़रूरी है।”

वन विभाग अब खास प्रशिक्षण प्रोग्राम और जागरूकता अभियान भी चला रहा है ताकि इंसान और बाघ, दोनों अपनी-अपनी सीमाओं में रहें।

स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नमित अग्रवाल ने वनकर्मियों की दिलेरी की खुलकर तारीफ की। बोले, “ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि हमारा वन विभाग न सिर्फ जागरूक है, बल्कि रियल हीरो भी हैं।”

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