घरेलू बिजली के बिलों में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत.. UPCL ने बदला बिलों का पैटर्न

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घरेलू बिजली के बिल अब प्रतिदिन के आधार पर आएंगे। अब मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन में और द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन में होगी। घरेलू बिलिंग के नए फार्मूले से कई उपभोक्ताओं के एनर्जी और फिक्स चार्जेस में आठ फीसदी तक की कमी आएगी। नए फार्मूले से घरेलू बिलिंग में एकरूपता आने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिलिंग में अनियमितता से छुटकारा मिलेगा।

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता (वाणिज्य) जीएस कुंवर ने फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही घरेलू बिलिंग का त्रुटिपूर्ण फार्मूला होने से कई बार कम यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अधिक यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा था।

अधिक देना पड़ रहा था फिक्स चार्ज


कई मौकों पर 44 दिन में 325 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ता को और 46 दिन में 351 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से 160 रुपये तक अधिक मूल्य चुकाना पड़ता था। वहीं 16 से 45 दिन में बिलिंग होने पर पूरे माह और 46 दिन में बिलिंग होने पर दो माह का पूरा फिक्स चार्ज देना पड़ता था, जिससे ऐसे उपभोक्ताओं को सालभर में 12 माह से अधिक का फिक्स चार्ज भी देना पड़ रहा था।

पिछले चार वर्षों से समाधान पोर्टल, सीएम पोर्टल और पीएमओ समेत कई मंचों पर समस्या उठा चुके सतपुली के सामाजिक कार्यकर्ता चैन सिंह रावत ने नवंबर 2021 में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल ने नया फार्मूला लागू किया है।

फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। नए आदेश में द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन और मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन के भीतर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे उपभोक्ता उच्च उपभोग वाले स्लैब में न जा सकें। – जीएस कुंवर, मुख्य अभियंता (वाणिज्य) यूपीसीएल

वहीं इस मामले को चैन सिंह रावत के आग्रह पर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने भी दिसंबर 2021 के शीतकालीन सत्र में उठाकर विधानसभा अध्यक्ष से फॉर्मूला बदलने की मांग की थी। नए फार्मूले से उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज और एनर्जी चार्ज से हो रहे नुकसान और अनियमितता से छुटकारा मिल जाएगा। अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली खपत और दिनों के अनुसार ही मूल्य देना होगा।

घरेलू बिजली बिलिंग की त्रुटिपूर्ण प्रणाली के चलते उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। यूपीसीएल ने इस मामले में की गई सभी शिकायतों पर लगातार गुमराह किया। लेकिन, अब उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के डंडे से घरेलू बिलिंग में हो रही अनियमितताओं से प्रदेश के 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी। अब आगे की लड़ाई पूर्व में अधिक मूल्य दे चुके उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाने की होगी।

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