*जब शेरनी (बाघिन) का बच्चा पहुँचा आबादी में।*

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लालकुआ, 05 मेई , शेरनी (बाघिन) का बच्चा अगर किसी आबादी के नजदीक आ जाए, तो उसको नजदीक से देखना  सभी के लिए उत्सुक्ता बननी लाजमी है।साथ ही एक खौफ का माहौल भी बनाती है,  की अगर इस बाघ की माँ  को अपना शावक नही मिला, तो गुस्से में आकर आबादी का रुख न करले, और कहि इंसानों पर ही हमलावर न हो जाए।
डौली रेंज लालकुआ के जंगल से सटे ग्राम देवनगर में जंगल से भटक कर एक बाघ का शावक आ पहुंचा जिसके चलते गांव में दहशत फैल गई। वन विभाग की संयुक्त टीम ने दो घंटे के ऑपरेशन के बाद बाघ के शावक को जाल में पकड़ने में सफलता प्राप्त की। और उसे सकुशल रानीबाग स्थित वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक यहां एक निर्माणाधीन मकान में जंगल से भटक कर एक शावक पहुंच गया जो काफी डरा हुआ लग रहा था स्थानीय लोगों ने तत्काल इसकी सूचना डोली वन क्षेत्र के रेंजर को दी वह तुरंत टीम गठित कर मौके पर पहुंच गए जहां बाराकोली रेंज और डोली रेंज के वन कर्मियों ने संयुक्त रूप से  अभियान चलाकर  शावक को  पकड़ लिया  इस दौरान  सैकड़ों की संख्या में बाघ को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गए। हालांकि वन विभाग की तत्परता के चलते  कोई अनहोनी नहीं हुई और शावक को सकुशल देखरेख के लिए  रेस्क्यू सेंटर पहुंचा दिया गया। मामले की सूचना मिलते ही तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ नितिशमणि त्रिपाठी मौके पर पहुंच गये जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। वहीं पूरे मामले पर जानकारी देते हुए डॉली रेंज के रेंजर अनिल जोशी ने बताया कि वन कर्मियों ने जंगल में स्थान चिन्हित कर मचान बनाकर शावक की मां की तलाश शुरू की मगर उन्हें इस मामले में सफलता नहीं मिल पाई जिसके चलते शावक कि उचित देखरेख के लिए उसे रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया अब वन कर्मी शावर को उसकी मां से मिलाने का प्रयास करेगे, जिसके लिए जंगल में बाघिन की तलाश के लिए कैमरे भी लगाए गए हैं।

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