राष्ट्रपति के हस्ताक्षरों के साथ ही उच्च न्यायालय को मिले स्थायी मुख्य न्यायाधीश..

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय को विपिन सांघी के रूप में नया मुख्य न्यायधीश मिल गया है । पूर्व मुख्य न्यायधीश राघवेंद्र सिंह चौहान के बाद यह पद रिक्त चल रहा था। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 19 जून को विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से नियुक्ति आदेश का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है ।


ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट की कोलॉजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायधीश नियुक्त करने की सिफारिश 17 मई को थी । न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में हुआ। वर्ष 1965 में परिवार के साथ नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित हो गए। दिल्ली में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और वर्ष 1980 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.एस.सी.गणित(ऑनर्स)से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एल.एल.बी.किया । उसी वर्ष उन्होंने एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया।


उनके दादा स्वर्गीय वी.के.सांघी और पिता स्वर्गीय जी.एल.सांघी भी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं । न्यायमूर्ति सांघी ने शुरू में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जर्नल मुकुल रोहतगी के साथ काम किया। वे सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल के अधिवक्ता के रूप में भी नियुक्त हुए। दिसंबर, 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय कानून सम्मेलनों में भाग लिया है। 29 मई, 2006 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त और 11 फरवरी, 2008 को एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किये गए ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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